"कुमार विश्वास" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
==प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा==
 
==प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा==
 
कुमार विश्वास का जन्म 10 फ़रवरी (वसंत पंचमी), 1970 को पिअखुआ (ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश) में हुआ था। चार भाईयों और एक बहन में सबसे छोटे कुमार विश्वास ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा लाला गंगा सहाय स्कूल, पिलखुआ में प्राप्त की। उनके पिता डा चन्द्रपाल शर्मा आर एस एस डिग्री कालेज (चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से सम्बद्ध), पिलखुआ में प्रवक्ता रहे। उनकी माता श्रीमती रमा शर्मा गृहिणी हैं। राजपूताना रेजिमेंट इंटर कालेज से बारहवीं में उनके उत्तीर्ण होने के बाद उनके पिता उन्हें इंजीनियर (अभियंता) बनाना चाहते थे। डा कुमार विश्वास का मन मशीनों की पढाई में नहीं रमा, और उन्होंने बीच में ही वह पढाई छोड़ दी। साहित्य के क्षेत्र में आगे बढने के ख्याल से उन्होंने स्नातक और फिर हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर किया, जिसमें उन्होंने स्वर्ण-पदक प्राप्त किया। तत्प्श्चात उन्होंने "कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना" विषय पर पीएचडी प्राप्त किया। उनके इस शोध-कार्य को 2001 में पुरस्कृत भी किया गया।
 
कुमार विश्वास का जन्म 10 फ़रवरी (वसंत पंचमी), 1970 को पिअखुआ (ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश) में हुआ था। चार भाईयों और एक बहन में सबसे छोटे कुमार विश्वास ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा लाला गंगा सहाय स्कूल, पिलखुआ में प्राप्त की। उनके पिता डा चन्द्रपाल शर्मा आर एस एस डिग्री कालेज (चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से सम्बद्ध), पिलखुआ में प्रवक्ता रहे। उनकी माता श्रीमती रमा शर्मा गृहिणी हैं। राजपूताना रेजिमेंट इंटर कालेज से बारहवीं में उनके उत्तीर्ण होने के बाद उनके पिता उन्हें इंजीनियर (अभियंता) बनाना चाहते थे। डा कुमार विश्वास का मन मशीनों की पढाई में नहीं रमा, और उन्होंने बीच में ही वह पढाई छोड़ दी। साहित्य के क्षेत्र में आगे बढने के ख्याल से उन्होंने स्नातक और फिर हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर किया, जिसमें उन्होंने स्वर्ण-पदक प्राप्त किया। तत्प्श्चात उन्होंने "कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना" विषय पर पीएचडी प्राप्त किया। उनके इस शोध-कार्य को 2001 में पुरस्कृत भी किया गया।
 
  
 
==कैरियर==
 
==कैरियर==
 
डा कुमार विश्वास ने अपना कैरियर राजस्थान में प्रवक्ता के रूप में 1994 मे शुरू किया। तत्पश्वात वो अब तक महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही डा विश्वास हिन्दी कविता मंच के सबसे व्यस्ततम कवियों में से हैं। उन्होंने अब तक हज़ारों कवि-सम्मेलनों में कविता पाठ किया है। साथ ही वह कई पत्रिकाओं में नियमित रूप से लिखते हैं। डा विश्वास मंच के कवि होने के साथ साथ हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री के गीतकार भी हैं। उनके द्वार लिखे गीत अगले कुछ दिनों में फ़िल्मों में दिखाई पड़ेगी। उन्होंने आदित्य दत्त की फ़िल्म 'चाय-गरम' में अभिनय भी किया है।
 
डा कुमार विश्वास ने अपना कैरियर राजस्थान में प्रवक्ता के रूप में 1994 मे शुरू किया। तत्पश्वात वो अब तक महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही डा विश्वास हिन्दी कविता मंच के सबसे व्यस्ततम कवियों में से हैं। उन्होंने अब तक हज़ारों कवि-सम्मेलनों में कविता पाठ किया है। साथ ही वह कई पत्रिकाओं में नियमित रूप से लिखते हैं। डा विश्वास मंच के कवि होने के साथ साथ हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री के गीतकार भी हैं। उनके द्वार लिखे गीत अगले कुछ दिनों में फ़िल्मों में दिखाई पड़ेगी। उन्होंने आदित्य दत्त की फ़िल्म 'चाय-गरम' में अभिनय भी किया है।
 
+
{{tocright}}
 
==कार्य एवम उपलब्धियां==
 
==कार्य एवम उपलब्धियां==
 
विभिन्न पत्रिकाओं में नियमित रूप से छपने के अलावा डा कुमार विश्वास की दो पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं- 'इक पगली लड़की के बिन' (1996) और 'कोई दीवाना कहता है' (2007 और 2010 दो संस्करण में) <ref>http://dpb.in/books/book/zb,,5e0_search_0_0_a_SU5S/Koi+Diwana+Kahta+hai/index.html</ref>. विख्यात लेखक स्वर्गीय धर्मवीर भारती ने डा विश्वास को इस पीढी का सबसे ज़्यादा सम्भावनाओं वाला कवि कहा है। प्रथम श्रेणी के हिन्दी गीतकार 'नीरज' जी ने उन्हें 'निशा-नियामक' की संज्ञा दी है। मशहूर हास्य कवि डा सुरेन्द्र शर्मा ने उन्हें इस पीढी का एकमात्र आई एस ओ:2006 कवि कहा है।  
 
विभिन्न पत्रिकाओं में नियमित रूप से छपने के अलावा डा कुमार विश्वास की दो पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं- 'इक पगली लड़की के बिन' (1996) और 'कोई दीवाना कहता है' (2007 और 2010 दो संस्करण में) <ref>http://dpb.in/books/book/zb,,5e0_search_0_0_a_SU5S/Koi+Diwana+Kahta+hai/index.html</ref>. विख्यात लेखक स्वर्गीय धर्मवीर भारती ने डा विश्वास को इस पीढी का सबसे ज़्यादा सम्भावनाओं वाला कवि कहा है। प्रथम श्रेणी के हिन्दी गीतकार 'नीरज' जी ने उन्हें 'निशा-नियामक' की संज्ञा दी है। मशहूर हास्य कवि डा सुरेन्द्र शर्मा ने उन्हें इस पीढी का एकमात्र आई एस ओ:2006 कवि कहा है।  
 
  
 
==मंच==
 
==मंच==
पंक्ति 31: पंक्ति 29:
  
  
==references==
+
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
{{reflist}}
+
<references/>
  
==बाह्य कड़ियां==
+
==बाहरी कड़ियाँ==
 
http://www.kumarvishwas.com
 
http://www.kumarvishwas.com
  
पंक्ति 40: पंक्ति 38:
  
 
http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0_%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8
 
http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0_%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8
 
+
==सम्बंधित लिंक==
 +
{{भारत के कवि}}
 
[[Category:नया पन्ना]]
 
[[Category:नया पन्ना]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
[[Category:कवि]]
 
[[Category:कवि]]

04:47, 29 जुलाई 2010 का अवतरण

डा कुमार विश्वास हिन्दी भाषा के एक अग्रणी कवि हैं। श्रंगार रस के गीत इनकी विशेषता है।

प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा

कुमार विश्वास का जन्म 10 फ़रवरी (वसंत पंचमी), 1970 को पिअखुआ (ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश) में हुआ था। चार भाईयों और एक बहन में सबसे छोटे कुमार विश्वास ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा लाला गंगा सहाय स्कूल, पिलखुआ में प्राप्त की। उनके पिता डा चन्द्रपाल शर्मा आर एस एस डिग्री कालेज (चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से सम्बद्ध), पिलखुआ में प्रवक्ता रहे। उनकी माता श्रीमती रमा शर्मा गृहिणी हैं। राजपूताना रेजिमेंट इंटर कालेज से बारहवीं में उनके उत्तीर्ण होने के बाद उनके पिता उन्हें इंजीनियर (अभियंता) बनाना चाहते थे। डा कुमार विश्वास का मन मशीनों की पढाई में नहीं रमा, और उन्होंने बीच में ही वह पढाई छोड़ दी। साहित्य के क्षेत्र में आगे बढने के ख्याल से उन्होंने स्नातक और फिर हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर किया, जिसमें उन्होंने स्वर्ण-पदक प्राप्त किया। तत्प्श्चात उन्होंने "कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना" विषय पर पीएचडी प्राप्त किया। उनके इस शोध-कार्य को 2001 में पुरस्कृत भी किया गया।

कैरियर

डा कुमार विश्वास ने अपना कैरियर राजस्थान में प्रवक्ता के रूप में 1994 मे शुरू किया। तत्पश्वात वो अब तक महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही डा विश्वास हिन्दी कविता मंच के सबसे व्यस्ततम कवियों में से हैं। उन्होंने अब तक हज़ारों कवि-सम्मेलनों में कविता पाठ किया है। साथ ही वह कई पत्रिकाओं में नियमित रूप से लिखते हैं। डा विश्वास मंच के कवि होने के साथ साथ हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री के गीतकार भी हैं। उनके द्वार लिखे गीत अगले कुछ दिनों में फ़िल्मों में दिखाई पड़ेगी। उन्होंने आदित्य दत्त की फ़िल्म 'चाय-गरम' में अभिनय भी किया है।

कार्य एवम उपलब्धियां

विभिन्न पत्रिकाओं में नियमित रूप से छपने के अलावा डा कुमार विश्वास की दो पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं- 'इक पगली लड़की के बिन' (1996) और 'कोई दीवाना कहता है' (2007 और 2010 दो संस्करण में) [1]. विख्यात लेखक स्वर्गीय धर्मवीर भारती ने डा विश्वास को इस पीढी का सबसे ज़्यादा सम्भावनाओं वाला कवि कहा है। प्रथम श्रेणी के हिन्दी गीतकार 'नीरज' जी ने उन्हें 'निशा-नियामक' की संज्ञा दी है। मशहूर हास्य कवि डा सुरेन्द्र शर्मा ने उन्हें इस पीढी का एकमात्र आई एस ओ:2006 कवि कहा है।

मंच

कवि-सम्मेलनों और मुशायरों के क्षेत्र में भी डा विश्वास एक अग्रणी कवि हैं। वो अब तक हज़ारों कवि सम्मेलनों और मुशायरों में कविता-पाठ और संचालन कर चुके हैं। देश के सैकड़ों प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में उनके एकल कार्यक्रम होते रहे हैं। इनमें आई आई टी खड़गपुर, आई आई टी बी एच यू, आई एस एम धनबाद, आई आई टी रूड़की[2], आई आई टी भुवनेश्वर [3], आई आई एम लखनऊ [4], एन आई टी जलंधर [5], एन आई टी त्रिचि [6], इत्यादि कई संस्थान शामिल हैं। कई कार्पोरेट कंपनियों में भी डा विश्वास को अक्सर कविता-पाठ के लिए बुलाया जाता है।

भारत के सैकड़ों छोटे-बड़े शहरों में कविता पाठ करने के अलावा उन्होंने कई अन्य देशों में भी अपनी काव्य-प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। इनमें अमेरिका [7], दुबई [8], मस्कट, अबू धाबी और नेपाल जैसे देश शामिल हैं।

पुरस्कार

1) डा कुंवर बेचैन काव्य-सम्मान एवम पुरस्कार समिति द्वारा 1994 में 'काव्य-कुमार पुरस्कार' 2) साहित्य भारती, उन्नाव द्वारा 2004 में 'डा सुमन अलंकरण' 3)हिन्दी-उर्दू अवार्ड अकादमी द्वारा 2006 में 'साहित्य-श्री'[9]


अन्य सूचनाएं

1) डा कुमार विश्वास हिन्दी मंच के एकमात्र ऐसे कवि हैं, जिनकी कविता (बिना किसी वाद्य यंत्र के, अपने स्वर में) देश के प्राय: सभी बड़े मोबाईल आपरेटरों के कालर बैक ट्यून (काल करने वाले को सुनाई देने वाला ट्यून) में शामिल है।[10]

2)डा विश्वास इंटरनेट पर सबसे लोकप्रिय कवि हैं। आर्कुट [11] और फ़ेसबुक [12] पर उनका प्रशंसक परिवार अन्य किसी भी कवि के प्रशंसक परिवार से बड़ा है।

3) वीडियो वेबसाईट यू-ट्यूब पर डा विश्वास की एक ही वीडियो को पांच लाख से अधिक बार देखा गया है, जो किसी भी अन्य कवि के वीडियो से कई गुना ज़्यादा है।[13]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

http://www.kumarvishwas.com

http://www.kumarvishwas.com/information.eng.htm

http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0_%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8

सम्बंधित लिंक