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* विशेष रूप से आदिवासी कला के क्षेत्र में उनके योगदान और समर्पण के बूते वे अपने आप में एक संस्था बन गई हैं। इसके लिए उन्हें [[पद्म विभूषण]] का राष्ट्रीय अलंकरण मिला है। | * विशेष रूप से आदिवासी कला के क्षेत्र में उनके योगदान और समर्पण के बूते वे अपने आप में एक संस्था बन गई हैं। इसके लिए उन्हें [[पद्म विभूषण]] का राष्ट्रीय अलंकरण मिला है। | ||
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* अन्य कई संस्थाओं के अलावा देश की एक बहुत बड़ी संस्था ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र’ स्थापित करने का श्रेय डॉ. कपिला वात्स्यायन को जाता है। | * अन्य कई संस्थाओं के अलावा देश की एक बहुत बड़ी संस्था ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र’ स्थापित करने का श्रेय डॉ. कपिला वात्स्यायन को जाता है। | ||
* विभिन्न क्षेत्रों में उनके सराहनीय योगदान को देखते हुए डॉ. कपिला को [[राज्यसभा]] के लिए मनोनीत किया गया है। | * विभिन्न क्षेत्रों में उनके सराहनीय योगदान को देखते हुए डॉ. कपिला को [[राज्यसभा]] के लिए मनोनीत किया गया है। | ||
* डॉ. कपिला वात्स्यायन ने अपना करियर शिक्षण व्यवसाय से शुरू किया लेकिन उनके व्यापक ज्ञान और अनुभव को देखते हुए उन्हें शिक्षा और संस्कृति मंत्रालय में ले लिया गया। | * डॉ. कपिला वात्स्यायन ने अपना करियर शिक्षण व्यवसाय से शुरू किया लेकिन उनके व्यापक ज्ञान और अनुभव को देखते हुए उन्हें शिक्षा और संस्कृति मंत्रालय में ले लिया गया। | ||
* जिस समय शिक्षा की सुविधाएं प्रारंभिक स्तर पर थीं, उस समय डॉ. वात्स्यायन ने शिक्षा सुविधाओं के विस्तार में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। | * जिस समय शिक्षा की सुविधाएं प्रारंभिक स्तर पर थीं, उस समय डॉ. वात्स्यायन ने शिक्षा सुविधाओं के विस्तार में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। | ||
− | * डॉ. वात्स्यायन को [[सर्वपल्ली राधाकृष्णन|डॉ. एस. राधाकृष्णन]], [[डॉ. जाकिर हुसैन]], [[जवाहरलाल नेहरू|पंडित जवाहरलाल नेहरू]], डॉ. केएल श्रीमाली, प्रो. वीकेआरवी राव, [[सी. डी. देशमुख|डॉ. सी. डी. देशमुख]], [[मौलाना अबुल कलाम आज़ाद]], [[डॉ. कर्ण सिंह]] और प्रधानमंत्री [[इंदिरा गांधी]] तथा [[राजीव गांधी]] जैसी | + | * डॉ. वात्स्यायन को [[सर्वपल्ली राधाकृष्णन|डॉ. एस. राधाकृष्णन]], [[डॉ. जाकिर हुसैन]], [[जवाहरलाल नेहरू|पंडित जवाहरलाल नेहरू]], डॉ. केएल श्रीमाली, प्रो. वीकेआरवी राव, [[सी. डी. देशमुख|डॉ. सी. डी. देशमुख]], [[मौलाना अबुल कलाम आज़ाद]], [[डॉ. कर्ण सिंह]] और प्रधानमंत्री [[इंदिरा गांधी]] तथा [[राजीव गांधी]] जैसी महान् हस्तियों के साथ काम करने का मौका मिला। |
* डॉ. वात्स्यायन [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] की पूर्व छात्र हैं।<ref>{{cite web |url=http://dainiktribuneonline.com/2011/07/%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%86%E0%A4%AA-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%8F%E0%A4%95-%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82-%E0%A4%A1/ |title=अपने आप में एक संस्था हैं डॉ. कपिला : हुड्डा |accessmonthday= 15 मई|accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=दैनिक ट्रिब्यून |language=हिंदी }} </ref> | * डॉ. वात्स्यायन [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] की पूर्व छात्र हैं।<ref>{{cite web |url=http://dainiktribuneonline.com/2011/07/%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%86%E0%A4%AA-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%8F%E0%A4%95-%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82-%E0%A4%A1/ |title=अपने आप में एक संस्था हैं डॉ. कपिला : हुड्डा |accessmonthday= 15 मई|accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=दैनिक ट्रिब्यून |language=हिंदी }} </ref> | ||
13:59, 30 जून 2017 का अवतरण
कपिला वात्स्यायन
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पूरा नाम | डॉ. कपिला वात्स्यायन |
जन्म | 25 दिसम्बर 1928 |
पति/पत्नी | सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय |
कर्म-क्षेत्र | लेखक, राजनीतिज्ञ |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म विभूषण, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | विभिन्न क्षेत्रों में उनके सराहनीय योगदान को देखते हुए डॉ. कपिला को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। |
डॉ. कपिला वात्स्यायन (अंग्रेज़ी: Dr. Kapila Vatsyayan, जन्म: 25 दिसम्बर 1928) भारतीय कला की प्रमुख विद्वान हैं। प्रसिद्ध साहित्यकार सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय की पत्नी हैं। डॉ. कपिला वात्स्यायन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र की प्रथम अध्यक्ष थीं।
संक्षिप्त परिचय
- डॉ. कपिला वात्स्यायन राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं तथा संस्कृति, कला तथा शिक्षा के क्षेत्र में एक असाधारण व्यक्तित्व हैं।
- विशेष रूप से आदिवासी कला के क्षेत्र में उनके योगदान और समर्पण के बूते वे अपने आप में एक संस्था बन गई हैं। इसके लिए उन्हें पद्म विभूषण का राष्ट्रीय अलंकरण मिला है।
- डॉ. वात्स्यायन ने संस्कृति को जीवंत रखा है, जिससे सभ्यता मजबूत हुई है। वे एक महान् कर्मयोगी हैं, जो हृदय की पूरी भावना के साथ काम करती हैं।
- अन्य कई संस्थाओं के अलावा देश की एक बहुत बड़ी संस्था ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र’ स्थापित करने का श्रेय डॉ. कपिला वात्स्यायन को जाता है।
- विभिन्न क्षेत्रों में उनके सराहनीय योगदान को देखते हुए डॉ. कपिला को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है।
- डॉ. कपिला वात्स्यायन ने अपना करियर शिक्षण व्यवसाय से शुरू किया लेकिन उनके व्यापक ज्ञान और अनुभव को देखते हुए उन्हें शिक्षा और संस्कृति मंत्रालय में ले लिया गया।
- जिस समय शिक्षा की सुविधाएं प्रारंभिक स्तर पर थीं, उस समय डॉ. वात्स्यायन ने शिक्षा सुविधाओं के विस्तार में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
- डॉ. वात्स्यायन को डॉ. एस. राधाकृष्णन, डॉ. जाकिर हुसैन, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. केएल श्रीमाली, प्रो. वीकेआरवी राव, डॉ. सी. डी. देशमुख, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, डॉ. कर्ण सिंह और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी जैसी महान् हस्तियों के साथ काम करने का मौका मिला।
- डॉ. वात्स्यायन दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अपने आप में एक संस्था हैं डॉ. कपिला : हुड्डा (हिंदी) दैनिक ट्रिब्यून। अभिगमन तिथि: 15 मई, 2013।
बाहरी कड़ियाँ
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