"सखि वे मुझसे कह कर जाते -मैथिलीशरण गुप्त" के अवतरणों में अंतर
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जायें, सिद्धि पावें वे सुख से, | जायें, सिद्धि पावें वे सुख से, | ||
− | दुखी न हों इस जन के | + | दुखी न हों इस जन के दु:ख से, |
उपालम्भ दूँ मैं किस मुख से ? | उपालम्भ दूँ मैं किस मुख से ? | ||
आज अधिक वे भाते ! | आज अधिक वे भाते ! |
14:11, 2 जून 2017 के समय का अवतरण
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सखि, वे मुझसे कहकर जाते, |
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