रतनारी हों थारी आँखड़ियाँ -बिहारी लाल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
रतनारी हों थारी आँखड़ियाँ -बिहारी लाल
बिहारी लाल
कवि बिहारी लाल
जन्म 1595
जन्म स्थान ग्वालियर
मृत्यु 1663
मुख्य रचनाएँ बिहारी सतसई
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
बिहारी लाल की रचनाएँ

रतनारी हों थारी आँखड़ियाँ।
प्रेम छकी रसबस अलसाड़ी,
जाणे कमल की पाँखड़ियाँ॥
सुंदर रूप लुभाई गति मति,
हो गईं ज्यूँ मधु माँखड़ियाँ॥
रसिक बिहारी वारी प्यारी,
कौन बसी निस काँखड़ियाँ॥


















संबंधित लेख