"बराबर पहाड़ी": अवतरणों में अंतर
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'''बराबर पहाड़ी''' [[बिहार]] के [[गया]] ज़िले में स्थित है। इस पहाड़ी में सात प्राचीन गुफ़ाएँ विस्तृत प्रकोष्ठों के रूप में निर्मित हैं। इन सात गुफ़ाओं में से तीन में [[अशोक]] के अभिलेख अंकित हैं। इनसे विदित होता है कि मूलतः इनका निर्माण अशोक के समय आजीवक सम्प्रदाय के भिक्षुओं के निवास के लिए करवाया गया था। | '''बराबर पहाड़ी''' [[बिहार]] के [[गया]] ज़िले में स्थित है। इस पहाड़ी में सात प्राचीन गुफ़ाएँ विस्तृत प्रकोष्ठों के रूप में निर्मित हैं। इन सात गुफ़ाओं में से तीन में [[अशोक]] के अभिलेख अंकित हैं। इनसे विदित होता है कि मूलतः इनका निर्माण अशोक के समय आजीवक सम्प्रदाय के भिक्षुओं के निवास के लिए करवाया गया था। | ||
*यह ज्ञातव्य है कि मक्खलिपुत्त गोसाल ने [[आजीवक|आजीवक सम्प्रदाय]] चलाया था, जो [[बुद्ध]] के | *यह ज्ञातव्य है कि मक्खलिपुत्त गोसाल ने [[आजीवक|आजीवक सम्प्रदाय]] चलाया था, जो [[बुद्ध]] के समकालीन थे। | ||
*इन गुफ़ाओं में परिवर्ती काल के कुछ अन्य [[अभिलेख]] भी हैं, जिनमें [[मौखरि वंश|मौखरिवंशीय]] नरेश अनंतवर्मन का एक अभिलेख उल्लेखनीय है। | *इन गुफ़ाओं में परिवर्ती काल के कुछ अन्य [[अभिलेख]] भी हैं, जिनमें [[मौखरि वंश|मौखरिवंशीय]] नरेश अनंतवर्मन का एक अभिलेख उल्लेखनीय है। | ||
*बराबर गुफ़ाओं का निर्माण अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ई.पू. में बराबर व [[नागार्जुन पहाड़ी|नागार्जुनी चट्टानों]] को काटकर करवाया गया था। | *बराबर गुफ़ाओं का निर्माण अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ई.पू. में बराबर व [[नागार्जुन पहाड़ी|नागार्जुनी चट्टानों]] को काटकर करवाया गया था। | ||
*बराबर पहाड़ी पर स्थित चार में से तीन गुफ़ाओं में [[अशोक के शिलालेख]] होने से यह ज्ञात होता है कि दो गुफ़ाएँ अशोक द्वारा शासन के 12वें वर्ष और क्रमशः 19 वें वर्ष भिक्षुओं को दान में दी गयीं। | *बराबर पहाड़ी पर स्थित चार में से तीन गुफ़ाओं में [[अशोक के शिलालेख]] होने से यह ज्ञात होता है कि दो गुफ़ाएँ अशोक द्वारा शासन के 12वें [[वर्ष]] और क्रमशः 19 वें वर्ष में भिक्षुओं को दान में दी गयीं। | ||
*अशोक की प्रमुख गुफ़ाएँ हैं- कर्णचैपार, विश्वझोपड़ी और सुदामा गुफ़ा। | *अशोक की प्रमुख गुफ़ाएँ हैं- कर्णचैपार, विश्वझोपड़ी और सुदामा गुफ़ा। | ||
*दशरथ की गुफ़ाओं में लोमश ऋषि की गुफ़ा तथा गोपिका गुफ़ा उल्लेखनीय है। | *दशरथ की गुफ़ाओं में लोमश ऋषि की गुफ़ा तथा गोपिका गुफ़ा उल्लेखनीय है। | ||
*चौथी गुफ़ा में 5वीं शताब्दी के मौखरि शासक अनंतवर्मन का लेख अंकित हैं। | *चौथी गुफ़ा में 5वीं शताब्दी के मौखरि शासक अनंतवर्मन का लेख अंकित हैं। | ||
*नागार्जुन पहाड़ी की तीनों गुफ़ाओं में [[अशोक]] के पौत्र [[दशरथ मौर्य| | *नागार्जुन पहाड़ी की तीनों गुफ़ाओं में [[अशोक]] के पौत्र [[दशरथ मौर्य|देवानांप्रिय दशरथ]] के अभिलेख अंकित हैं, जो भिक्षुओं के आजीवक सम्प्रदाय के लिए दी गयी थीं। | ||
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04:34, 13 मार्च 2012 का अवतरण

Barabar Hills, Bihar
बराबर पहाड़ी बिहार के गया ज़िले में स्थित है। इस पहाड़ी में सात प्राचीन गुफ़ाएँ विस्तृत प्रकोष्ठों के रूप में निर्मित हैं। इन सात गुफ़ाओं में से तीन में अशोक के अभिलेख अंकित हैं। इनसे विदित होता है कि मूलतः इनका निर्माण अशोक के समय आजीवक सम्प्रदाय के भिक्षुओं के निवास के लिए करवाया गया था।
- यह ज्ञातव्य है कि मक्खलिपुत्त गोसाल ने आजीवक सम्प्रदाय चलाया था, जो बुद्ध के समकालीन थे।
- इन गुफ़ाओं में परिवर्ती काल के कुछ अन्य अभिलेख भी हैं, जिनमें मौखरिवंशीय नरेश अनंतवर्मन का एक अभिलेख उल्लेखनीय है।
- बराबर गुफ़ाओं का निर्माण अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ई.पू. में बराबर व नागार्जुनी चट्टानों को काटकर करवाया गया था।
- बराबर पहाड़ी पर स्थित चार में से तीन गुफ़ाओं में अशोक के शिलालेख होने से यह ज्ञात होता है कि दो गुफ़ाएँ अशोक द्वारा शासन के 12वें वर्ष और क्रमशः 19 वें वर्ष में भिक्षुओं को दान में दी गयीं।
- अशोक की प्रमुख गुफ़ाएँ हैं- कर्णचैपार, विश्वझोपड़ी और सुदामा गुफ़ा।
- दशरथ की गुफ़ाओं में लोमश ऋषि की गुफ़ा तथा गोपिका गुफ़ा उल्लेखनीय है।
- चौथी गुफ़ा में 5वीं शताब्दी के मौखरि शासक अनंतवर्मन का लेख अंकित हैं।
- नागार्जुन पहाड़ी की तीनों गुफ़ाओं में अशोक के पौत्र देवानांप्रिय दशरथ के अभिलेख अंकित हैं, जो भिक्षुओं के आजीवक सम्प्रदाय के लिए दी गयी थीं।
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