"राष्ट्रीय राजमार्ग": अवतरणों में अंतर
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[[भारत]] | '''भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग''' [[भारत]] की केन्द्रीय सरकार द्वारा संस्थापित और सम्भाले जानी वाली लंबी दूरी की सड़कें है। मुख्यतः यह सड़कें 02 पंक्तियों की है, प्रत्येक दिशा में जाने के लिए एक पंक्ति। भारत के राजमार्गो की कुल दूरी लगभग 58,000 कि.मी. है, जिसमें से केवल 4,885 कि.मी. की सड़कों के मध्य पक्का विभाजन बनाया गया है। राजमार्गों की लंबाई भारत की सड़कों का मात्र 02 प्रतिशत है, लेकिन यह कुल यातायात का लगभग 40 प्रतिशत भार उठाते है। | ||
==रख-रखाव हेतु निजी संस्थानों की हिस्सेदारी== | |||
[[1995]] में पास संसदीय विदेहक के तहत इन राजमार्गों को बनाने और रख-रखाव के लिए निजी संस्थानों की हिस्सेदारी को मंजूरी दी गई। हाल के समय में इन राजमार्गों का तेज़ी से विकास हुआ, जिनके तहत भारत के शहर और कस्बों के बीच यातायात के समय में गिरावट आई है। कुछ शहरों के बीच 04 और 06 पंक्तियों के राजमार्गों का भी विकास हुआ। भारत का सबसे बड़ा राजमार्ग [[राष्ट्रीय राजमार्ग 7]], है, जो [[उत्तर प्रदेश]] के [[वाराणसी]] शहर को भारत के दक्षिणी कोने, [[तमिलनाडु]] के [[कन्याकुमारी]] शहर के साथ जोड़ता है। इसकी लंबाई 2369 कि.मी. है। सबसे छोटा राजमार्ग 6 किलोमीटर लंबा [[राष्ट्रीय राजमार्ग 47A]], है, जो एर्नाकुलम को कोची बंदरगाह से जोड़ता है। काफ़ी सारे राजमार्गों का अभी भी विकास हो रहा है। ज्यादतर राजमार्गों को कंक्रीट का नहीं बनाया गया है। [[मुम्बई पुणे एक्सप्रेस वे]] इसका एक अपवाद है। | |||
==राष्ट्रीय राजमार्ग व एक्सप्रेस वे== | |||
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क [[भारत]] का सड़क नेटवर्क है, जो सभी प्रमुख और छोटे शहरों के साथ ही कस्बों और गांवों को साथ जोड़ता है। भारतीय सड़क नेटवर्क में [[एक्सप्रेस वे]], राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग के साथ ही और कई मुख्य ज़िले और ग्रामीण सड़कें है। एक्सप्रेस वे और राजमार्गों के बीच क्या मुख्य अंतर है और ये फ्रीवे क्या होता है?<ref name="pp">{{cite web |url=https://nedricknews.com/travel-news/did-you-know-about-different-between-national-highway-and-expressway-jkvaz |title=आपको है मालूम, राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे के बीच Difference क्या है?|accessmonthday=20 मार्च|accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=nedricknews.com |language=हिंदी}}</ref> | |||
====क्या है राष्ट्रीय राजमार्ग==== | |||
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====एक्सप्रेस वे==== | |||
भारत में एक्सप्रेस वे में उच्च श्रेणी की सड़कें होती हैं जो कि नियंत्रित एक्सेस रोड नेटवर्क वाले छह से आठ लेन के राजमार्ग होते हैं। साधारणत: एक्सप्रेस वे आधुनिक सुविधाओं, जैसे- एक्सेस रैंप, ग्रेड सेपरेशन, लेन डिवाइडर के साथ एलिवेटेड सेक्शन से युक्त होते है। इनमें प्रवेश और निकास को छोटी सड़कों के इस्तेमाल से काबू में किया जाता है। कई स्मार्ट और इंटेलिजेंट फीचर्स से भी एक्सप्रेस वे को लैस किया जाता है, जिसमें एक हाइवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम यानी कि एचटीएमएस के साथ ही वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम यानि कि वीआईडीएस को भी शामिल किया होता है। प्रधिकरण सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय एक्सप्रेस वे आता है जो इनको बनाने और इनके रखरखाव का भी ध्यान रखते हैं।<ref name="pp"/> | |||
==मुख्य अंतर== | |||
[[एक्सप्रेस वे]] में सड़कें मल्टीप्लेक्स्ड नहीं होती हैं यानी कि जहां गाड़ियां एक लिमिटेड जगह से प्रवेश कर सकती है। यह आगे या दूसरी सड़क पर मिलता या कहीं भी एक्सप्रेस वे को पार नहीं करता। एक्सप्रेस वे तक पहुंचने के रास्ते लिमिटेड होते है। इसके लिए कुछ जगहें तय होती हैं। इससे कोई दूसरी सड़क नहीं जुड़ती और न तो इससे होकर गुजरती है। इसकी वजह से हादसे की संभावना भी कम होती है, लेकिन कई सड़कें ऐसी हैं जो कई जगहों पर राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ मिलती या उसको पार करती हैं। मतलब राजमार्ग से होकर कई रास्ते जाते है और जुड़ते हैं। राजमार्ग रोडवेज में हाई स्पीड यातायात देने के लिए स्पेशली 04 लेन होते हैं, लेकिन एक्सप्रेस वे एक हाई स्पीड वाली सड़कों का ढांचा भर होता है जिसमें कम सड़कें जुड़ती हैं। इसमें कई सुविधाएं दी जाती हैं, जैसे कि एक्सेस रैंप, लेन डिवाइडर। राष्ट्रीय राजमार्ग में ऐसा नहीं होता है। | |||
==फ्री वे== | |||
फ्री वे साधारणत: उच्च गति की गाड़ियों के आने-जाने के लिए बनाया गया है। ये कंट्रोल्ड एक्सेस हाइवे नेशनल का एक हाइएस्ट क्लास है। [[भारत]] में नेशनल हाइवे सिस्टम में सिर्फ दो ही फ्री वे हैं। [[मुंबई]] में ट्रैफिक क्राउड में कमी लाने के लिए पूर्वी फ्री वे और पश्चिमी फ्री वे का निर्माण किया गया है। | |||
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07:09, 20 मार्च 2022 का अवतरण

भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग भारत की केन्द्रीय सरकार द्वारा संस्थापित और सम्भाले जानी वाली लंबी दूरी की सड़कें है। मुख्यतः यह सड़कें 02 पंक्तियों की है, प्रत्येक दिशा में जाने के लिए एक पंक्ति। भारत के राजमार्गो की कुल दूरी लगभग 58,000 कि.मी. है, जिसमें से केवल 4,885 कि.मी. की सड़कों के मध्य पक्का विभाजन बनाया गया है। राजमार्गों की लंबाई भारत की सड़कों का मात्र 02 प्रतिशत है, लेकिन यह कुल यातायात का लगभग 40 प्रतिशत भार उठाते है।
रख-रखाव हेतु निजी संस्थानों की हिस्सेदारी
1995 में पास संसदीय विदेहक के तहत इन राजमार्गों को बनाने और रख-रखाव के लिए निजी संस्थानों की हिस्सेदारी को मंजूरी दी गई। हाल के समय में इन राजमार्गों का तेज़ी से विकास हुआ, जिनके तहत भारत के शहर और कस्बों के बीच यातायात के समय में गिरावट आई है। कुछ शहरों के बीच 04 और 06 पंक्तियों के राजमार्गों का भी विकास हुआ। भारत का सबसे बड़ा राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 7, है, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर को भारत के दक्षिणी कोने, तमिलनाडु के कन्याकुमारी शहर के साथ जोड़ता है। इसकी लंबाई 2369 कि.मी. है। सबसे छोटा राजमार्ग 6 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग 47A, है, जो एर्नाकुलम को कोची बंदरगाह से जोड़ता है। काफ़ी सारे राजमार्गों का अभी भी विकास हो रहा है। ज्यादतर राजमार्गों को कंक्रीट का नहीं बनाया गया है। मुम्बई पुणे एक्सप्रेस वे इसका एक अपवाद है।
राष्ट्रीय राजमार्ग व एक्सप्रेस वे
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क भारत का सड़क नेटवर्क है, जो सभी प्रमुख और छोटे शहरों के साथ ही कस्बों और गांवों को साथ जोड़ता है। भारतीय सड़क नेटवर्क में एक्सप्रेस वे, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग के साथ ही और कई मुख्य ज़िले और ग्रामीण सड़कें है। एक्सप्रेस वे और राजमार्गों के बीच क्या मुख्य अंतर है और ये फ्रीवे क्या होता है?[1]
क्या है राष्ट्रीय राजमार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग भारत के हर एक प्रमुख शहर को जोड़ता है, चाहे वो बंदरगाह हो या फिर राज्यों की राजधानी। इसमें दो, चार या फिर ज्यादा लेन होते हैं जिनको चारकोल या फिर कोयला और कुछ सीमेंट कंक्रीट से बनाया जाता है। भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग ग्रेड सड़कों पर है और ये पैदल और साइकिल चालकों के लिए घातक होते हैं क्योंकि राजमार्गों पर गति कई बार बेकाबू होती है। देश के आर्थिक विकास को बढ़ाने में राष्ट्रीय राजमार्ग की अहम भूमिका रही है, क्योंकि कई शहरों के साथ राजमार्गों के जरिए ही व्यापार होता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन ये नेटवर्क जिसको बनाने का काम और प्रबंधन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम और राज्य सरकारों के लोक निर्माण विभाग यानि (पीडब्ल्यूडी) करता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, 1988 ने एनएच को स्थापित किया जो कि राजमार्ग विकास, रख-रखाव के साथ ही टोल जुटाने के लिए निजी के साथ ही सोशल साझेदारी मॉडल को इस्तेमाल में लाता है।
एक्सप्रेस वे
भारत में एक्सप्रेस वे में उच्च श्रेणी की सड़कें होती हैं जो कि नियंत्रित एक्सेस रोड नेटवर्क वाले छह से आठ लेन के राजमार्ग होते हैं। साधारणत: एक्सप्रेस वे आधुनिक सुविधाओं, जैसे- एक्सेस रैंप, ग्रेड सेपरेशन, लेन डिवाइडर के साथ एलिवेटेड सेक्शन से युक्त होते है। इनमें प्रवेश और निकास को छोटी सड़कों के इस्तेमाल से काबू में किया जाता है। कई स्मार्ट और इंटेलिजेंट फीचर्स से भी एक्सप्रेस वे को लैस किया जाता है, जिसमें एक हाइवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम यानी कि एचटीएमएस के साथ ही वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम यानि कि वीआईडीएस को भी शामिल किया होता है। प्रधिकरण सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय एक्सप्रेस वे आता है जो इनको बनाने और इनके रखरखाव का भी ध्यान रखते हैं।[1]
मुख्य अंतर
एक्सप्रेस वे में सड़कें मल्टीप्लेक्स्ड नहीं होती हैं यानी कि जहां गाड़ियां एक लिमिटेड जगह से प्रवेश कर सकती है। यह आगे या दूसरी सड़क पर मिलता या कहीं भी एक्सप्रेस वे को पार नहीं करता। एक्सप्रेस वे तक पहुंचने के रास्ते लिमिटेड होते है। इसके लिए कुछ जगहें तय होती हैं। इससे कोई दूसरी सड़क नहीं जुड़ती और न तो इससे होकर गुजरती है। इसकी वजह से हादसे की संभावना भी कम होती है, लेकिन कई सड़कें ऐसी हैं जो कई जगहों पर राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ मिलती या उसको पार करती हैं। मतलब राजमार्ग से होकर कई रास्ते जाते है और जुड़ते हैं। राजमार्ग रोडवेज में हाई स्पीड यातायात देने के लिए स्पेशली 04 लेन होते हैं, लेकिन एक्सप्रेस वे एक हाई स्पीड वाली सड़कों का ढांचा भर होता है जिसमें कम सड़कें जुड़ती हैं। इसमें कई सुविधाएं दी जाती हैं, जैसे कि एक्सेस रैंप, लेन डिवाइडर। राष्ट्रीय राजमार्ग में ऐसा नहीं होता है।
फ्री वे
फ्री वे साधारणत: उच्च गति की गाड़ियों के आने-जाने के लिए बनाया गया है। ये कंट्रोल्ड एक्सेस हाइवे नेशनल का एक हाइएस्ट क्लास है। भारत में नेशनल हाइवे सिस्टम में सिर्फ दो ही फ्री वे हैं। मुंबई में ट्रैफिक क्राउड में कमी लाने के लिए पूर्वी फ्री वे और पश्चिमी फ्री वे का निर्माण किया गया है।
भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची एवं राज्य-वार लंबाई
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 आपको है मालूम, राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे के बीच Difference क्या है? (हिंदी) nedricknews.com। अभिगमन तिथि: 20 मार्च, 2022।
बाहरी कड़ियाँ
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