जबलपुर

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धुआंधार झरना, भेड़ाघाट, जबलपुर

जबलपुर शहर मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत में स्थित है। यह नर्मदा नदी के उत्तर में निचली पहाड़ियों से घिरे चट्टानी बेसिन में झीलों और मंदिरों के बीच स्थित है। इस नगर में उच्च-न्यायालय भी स्थित है। जबलपुर में साक्षरता, संस्कृति, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों की लंबी परंम्परा रही है। जबलपुर अंग्रेज़ी, हिन्दी और उर्दू के कई लेखकों, प्रकाशकों व मुद्रकों का आवास क्षेत्र रहा है।

इतिहास

  • पुराणों और किंवदंतियों के अनुसार जबलपुर का संबंध जाबालि ऋषि से है। जिनके बारे में कहा जाता है कि वह यहीं निवास करते थे।
  • 1781 के बाद ही मराठों के मुख्यालय के रूप में चुने जाने पर इस नगर की सत्ता बढ़ी, बाद में यह सागर और नर्मदा क्षेत्रों के ब्रिटिश कमीशन का मुख्यालय बन गया। यहाँ 1864 में नगरपालिका का गठन हुआ था।
  • एक पहाड़ी पर मदन महल स्थित है, जो लगभग 1100 ई. में राजा मदन सिंह द्वारा बनवाया गया एक पुराना गोंड महल है। इसके ठीक पश्चिम में गढ़ है, जो 14वीं शताब्दी के चार स्वतंत्र गोंड राज्यों का प्रमुख नगर था।
  • भेड़ाघाट, ग्वारीघाट और जबलपुर से प्राप्त जीवाश्मों से संकेत मिलता है कि यह प्रागैतिहासिक काल के पुरापाषाण युग के मनुष्य का निवास स्थान था। मदन महल, नगर में स्थित कई ताल और गोंड राजाओं द्वारा बनवाए गए कई मंदिर इस स्थान की प्राचीन महिमा की जानकारी देते हैं। इस क्षेत्र में कई बौद्ध, हिन्दू और जैन भग्नावशेष भी हैं।
हिंदू मंदिर, जबलपुर

यातायात और परिवहन

राज्य के सबसे बड़े शहरों में से एक जबलपुर एक प्रमुख सड़क और रेल जंक्शन पर स्थित है।

वायु मार्ग

जबलपुर शहर में जबलपुर हवाई अड्डा स्थित है और यहाँ से राज्य के अन्य शहरों में के लिए नियमित वायु सेवा हैं जिनसे पर्यटक आसानी से जबलपुर पहुँच सकते हैं।

रेल मार्ग

जबलपुर में पश्चिम मध्य रेलवे का मुख्यालय है जो कई प्रमुख शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलौर, अहमदाबाद, पुणे, पटना, रायपुर, वडोदरा, सूरत, जयपुर आदि शहरों से अनेक रेलगाड़ियों के माध्‍यम से जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग

राष्ट्रीय राजमार्ग 7 और 12 द्वारा जबलपुर वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, भोपाल, इंदौर, लुधियाना, नागपुर आदि शहरों से जुड़ा हुआ है।

उद्योग और व्यापार

यह नगर सामरिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है, यहाँ तोपगाड़ी बनाने का केंद्रीय कारख़ाना शस्त्र निर्माण कारख़ाना और एक शस्त्रागार स्थित है। यहाँ के प्रमुख उद्योगों में खाद्य प्रसंस्करण, आरा मिल और विभिन्न निर्माण शामिल हैं।

कृषि और खनिज

संगमरमर की चट्टानें, भेड़ाघाट, जबलपुर

इसके आसपास के क्षेत्रों में नर्मदा नदी घाटी के पश्चिमी छोर पर स्थित एक अत्यधिक उपजाऊ, गेहूँ की खेती वाला इलाक़ा हवेली शामिल है। चावल, ज्वार, चना और तिलहन आसपास के क्षेत्रों की अन्य महत्त्वपूर्ण फ़सलें हैं। यहाँ लौह अयस्क, चूना-पत्थर बॉक्साइट, चिकनी मिट्टी, अग्निसह मिट्टी, शैलखड़ी, फ़ेल्सपार, मैंगनीज और गेरू का व्यापक पैमाने पर खनन होता है।

शिक्षण संस्थान

इस नगर में सरकारी और निजी क्षेत्र के कई शैक्षणिक संस्थान है, जिनमें जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, एम. पी. भोज मुक्त विश्वविद्यालय, कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, फैकल्टी ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज़ कॉलेज ऑफ़ मटीरियल मैनेजमेंट, जी.एस. कॉलेज ऑफ़ कामर्स ऐंड इकोनॉमिक्स एम.डी.एच. कॉलेज ऑफ़ होमसाइंस फॉर विमॅन, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट शामिल हैं।

पर्यटन

जबलपुर नगर से 18 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में नर्मदा बहती है। धुआंधार जल प्रपात निर्मित करने के बाद नदी विख्यात संगमरमर की चट्टानों के क्षेत्रों से गुज़रती है, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। यहाँ के अन्य पर्यटन स्थलों में निम्नलिखित हैं-

  1. मदन महल क़िला
  2. संग्राम सागर एवं बाजना मठ
  3. तिवाराघाट
  4. भेड़ाघाट
  5. चौसठ योगिनी मंदिर
  6. त्रिपूरसुंदरी मंदिर
  7. रानी दुर्गावती संग्रहालय
  8. विष्णु बारहा मंदिर
  9. देवताल
  10. रानीताल

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार जबलपुर नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या 9,51,469 है, जबलपुर छावनी क्षेत्र की जनसंख्या 66,482 और जबलपुर ज़िले की कुल जनसंख्या 21,67,469 है।

वीथिका

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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