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जीहड़ियां छाला परया,
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नाम पुकारि पुकारि।
  
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बिरह कमन्डल कर लिये,
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बैरागी दो नैन।
  
नाम पुकारि पुकारि
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मांगे दरस मधुकरी,
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छकै रहै दिन रैन।
  
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सब रंग तांति रबाब तन,
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11:02, 8 सितम्बर 2011 का अवतरण

अंखियां तो झाईं परी -कबीर
संत कबीरदास
कवि कबीर
जन्म 1398 (लगभग)
जन्म स्थान लहरतारा ताल, काशी
मृत्यु 1518 (लगभग)
मृत्यु स्थान मगहर, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ साखी, सबद और रमैनी
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
कबीर की रचनाएँ

अंखियां तो झाई परी,
पंथ निहारि निहारि।

जीहड़ियां छाला परया,
नाम पुकारि पुकारि।

बिरह कमन्डल कर लिये,
बैरागी दो नैन।

मांगे दरस मधुकरी,
छकै रहै दिन रैन।

सब रंग तांति रबाब तन,
बिरह बजावै नित।

और न कोइ सुनि सकै,
कै सांई के चित।

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