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खांदा कमलीया तो हात लकरीया। जमुनाके पार उतारगयोरे॥1॥
 
खांदा कमलीया तो हात लकरीया। जमुनाके पार उतारगयोरे॥1॥
 
जमुनाके नीर तीर धेनु चरावत। बनसीकी टेक सुनागयोरे॥2॥
 
जमुनाके नीर तीर धेनु चरावत। बनसीकी टेक सुनागयोरे॥2॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। सावली सुरत दरशन दे गयोरे॥३॥
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मीराके प्रभु गिरिधर नागर। सावली सुरत दरशन दे गयोरे॥3॥
  
  

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बालपनमों बैरागन करी गयोरे -मीरां
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

बालपनमों बैरागन करी गयोरे॥ध्रु०॥
खांदा कमलीया तो हात लकरीया। जमुनाके पार उतारगयोरे॥1॥
जमुनाके नीर तीर धेनु चरावत। बनसीकी टेक सुनागयोरे॥2॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। सावली सुरत दरशन दे गयोरे॥3॥

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