"कोई सुमार न देखौं -रैदास" के अवतरणों में अंतर
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जाकौं जेता प्रकासै, ताकौं तेती ही सोभा।। टेक।। | जाकौं जेता प्रकासै, ताकौं तेती ही सोभा।। टेक।। | ||
हम ही पै सीखि सीखि, हम हीं सूँ मांडै। | हम ही पै सीखि सीखि, हम हीं सूँ मांडै। | ||
− | थोरै ही इतराइ चालै, पातिसाही | + | थोरै ही इतराइ चालै, पातिसाही छाडै।।1।। |
अति हीं आतुर बहै, काचा हीं तोरै। | अति हीं आतुर बहै, काचा हीं तोरै। | ||
− | कुंडै जलि एैसै, न हींयां डरै | + | कुंडै जलि एैसै, न हींयां डरै खोरै।।2।। |
थोरैं थोरैं मुसियत, परायौ धंनां। | थोरैं थोरैं मुसियत, परायौ धंनां। | ||
− | कहै रैदास सुनौं, संत | + | कहै रैदास सुनौं, संत जनां।।3।। |
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10:10, 1 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
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कोई सुमार न देखौं, ए सब ऊपिली चोभा। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |