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जाकौं जेता प्रकासै, ताकौं तेती ही सोभा।। टेक।।
 
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हम ही पै सीखि सीखि, हम हीं सूँ मांडै।
 
हम ही पै सीखि सीखि, हम हीं सूँ मांडै।
थोरै ही इतराइ चालै, पातिसाही छाडै।।१।।
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थोरै ही इतराइ चालै, पातिसाही छाडै।।1।।
 
अति हीं आतुर बहै, काचा हीं तोरै।
 
अति हीं आतुर बहै, काचा हीं तोरै।
 
कुंडै जलि एैसै, न हींयां डरै खोरै।।२।।
 
कुंडै जलि एैसै, न हींयां डरै खोरै।।२।।

09:48, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण

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कोई सुमार न देखौं -रैदास
रैदास
कवि रैदास
जन्म 1398 ई. (लगभग)
जन्म स्थान काशी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1518 ई.
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
रैदास की रचनाएँ

कोई सुमार न देखौं, ए सब ऊपिली चोभा।
जाकौं जेता प्रकासै, ताकौं तेती ही सोभा।। टेक।।
हम ही पै सीखि सीखि, हम हीं सूँ मांडै।
थोरै ही इतराइ चालै, पातिसाही छाडै।।1।।
अति हीं आतुर बहै, काचा हीं तोरै।
कुंडै जलि एैसै, न हींयां डरै खोरै।।२।।
थोरैं थोरैं मुसियत, परायौ धंनां।
कहै रैदास सुनौं, संत जनां।।३।।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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