तऊ न मेरे अघ अवगुन गनिहैं -तुलसीदास

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:48, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण (Text replace - "१" to "1")
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
तऊ न मेरे अघ अवगुन गनिहैं -तुलसीदास
तुलसीदास
कवि तुलसीदास
जन्म 1532
जन्म स्थान राजापुर, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1623 सन
मुख्य रचनाएँ रामचरितमानस, दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
तुलसीदास की रचनाएँ

तऊ न मेरे अघ अवगुन गनिहैं।
जौ जमराज काज सब परिहरि इहै ख्याल उर अनिहैं॥1॥
चलिहैं छूटि, पुंज पापिनके असमंजस जिय जनिहैं।
देखि खलल अधिकार प्रभूसों, मेरी भूरि भलाई भनिहैं॥२॥
हँसि करिहैं परतीत भक्तकी भक्त सिरोमनि मनिहैं।
ज्यों त्यों तुलसीदास कोसलपति, अपनायहि पर बनिहैं॥३॥

संबंधित लेख