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<blockquote>'तोरणं दक्षिणार्धेन जंबूप्रस्थं समागतम्'</blockquote> | <blockquote>'तोरणं दक्षिणार्धेन जंबूप्रस्थं समागतम्'</blockquote> |
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तोरण | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- तोरण (बहुविकल्पी) |
तोरण ग्राम का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में हुआ है।
- वाल्मीकि रामायण,[1] के अनुसार यह ग्राम राजा दशरथ के पुत्र तथा राम के भ्राता भरत को केकय देश से अयोध्या जाते समय गंगा के पूर्व में मिला था-
'तोरणं दक्षिणार्धेन जंबूप्रस्थं समागतम्'
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 412 |
- ↑ वाल्मीकि रामायण, अयोध्या 71, 11