"नीड़ का निर्माण -हरिवंश राय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('<poem>नीड़ का निर्माण फिर-फिर, नेह का आह्वान फिर-फिर! वह उ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replacement - " दुख " to " दु:ख ")
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
<poem>नीड़ का निर्माण फिर-फिर,
+
{| style="background:transparent; float:right"
 +
|-
 +
|
 +
{{सूचना बक्सा कविता
 +
|चित्र=Harivanshrai-Bachchan.jpg
 +
|चित्र का नाम=हरिवंश राय बच्चन
 +
|कवि=[[हरिवंश राय बच्चन]]
 +
|जन्म=[[27 नवंबर]], [[1907]]
 +
|जन्म भूमि=[[इलाहाबाद]], [[उत्तर प्रदेश]]
 +
|मृत्यु=[[18 जनवरी]], [[2003]] ई.
 +
|मृत्यु स्थान=[[मुंबई]], [[महाराष्ट्र]]
 +
|मुख्य रचनाएँ=[[मधुशाला]], मधुबाला, मधुकलश, तेरा हार, निशा निमंत्रण, मैकबेथ, जनगीता, दो चट्टाने
 +
|यू-ट्यूब लिंक=
 +
|शीर्षक 1=
 +
|पाठ 1=
 +
|शीर्षक 2=
 +
|पाठ 2=
 +
|बाहरी कड़ियाँ=
 +
}}
 +
|-
 +
|
 +
<div style="border:thin solid #a7d7f9; margin:10px">
 +
{|  align="center"
 +
! हरिवंश राय बच्चन की रचनाएँ
 +
|}
 +
<div style="height: 250px; overflow:auto; overflow-x: hidden; width:99%">
 +
{{हरिवंश राय बच्चन की रचनाएँ}}
 +
</div></div>
 +
|}
 +
{{Poemopen}}
 +
<poem>
 +
नीड़ का निर्माण फिर-फिर,
 
नेह का आह्वान फिर-फिर!
 
नेह का आह्वान फिर-फिर!
  
पंक्ति 48: पंक्ति 79:
 
उंचास को नीचा दिखाती!
 
उंचास को नीचा दिखाती!
  
नाश के दुख से कभी
+
नाश के दु:ख से कभी
 
दबता नहीं निर्माण का सुख
 
दबता नहीं निर्माण का सुख
 
प्रलय की निस्तब्धता से
 
प्रलय की निस्तब्धता से
पंक्ति 54: पंक्ति 85:
  
 
नीड़ का निर्माण फिर-फिर,
 
नीड़ का निर्माण फिर-फिर,
नेह का आह्वान फिर-फिर!</poem>
+
नेह का आह्वान फिर-फिर!  
 
+
</poem>
 
+
{{Poemclose}}
 
 
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
 
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
  
 +
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
+
{{भारत के कवि}}
[[Category:पद्य साहित्य]][[Category:आधुनिक साहित्य]][[Category:कविता]]
+
[[Category:पद्य साहित्य]]
[[Category:काव्य कोश]][[Category:हरिवंश राय बच्चन]]
+
[[Category:हरिवंश राय बच्चन]]
 +
[[Category:कविता]]
 +
[[Category:हिन्दी कविता]]
 +
[[Category:काव्य कोश]]
 +
[[Category:साहित्य कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
__NOTOC__
+
__NOEDITSECTION__

14:04, 2 जून 2017 के समय का अवतरण

नीड़ का निर्माण -हरिवंश राय बच्चन
हरिवंश राय बच्चन
कवि हरिवंश राय बच्चन
जन्म 27 नवंबर, 1907
मृत्यु 18 जनवरी, 2003 ई.
मृत्यु स्थान मुंबई, महाराष्ट्र
मुख्य रचनाएँ मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, तेरा हार, निशा निमंत्रण, मैकबेथ, जनगीता, दो चट्टाने
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
हरिवंश राय बच्चन की रचनाएँ

नीड़ का निर्माण फिर-फिर,
नेह का आह्वान फिर-फिर!

वह उठी आँधी कि नभ में
छा गया सहसा अँधेरा,
धूलि धूसर बादलों ने
भूमि को इस भाँति घेरा,

रात-सा दिन हो गया, फिर
रात आ‌ई और काली,
लग रहा था अब न होगा
इस निशा का फिर सवेरा,

रात के उत्पात-भय से
भीत जन-जन, भीत कण-कण
किंतु प्राची से उषा की
मोहिनी मुस्कान फिर-फिर!

नीड़ का निर्माण फिर-फिर,
नेह का आह्वान फिर-फिर!

वह चले झोंके कि काँपे
भीम कायावान भूधर,
जड़ समेत उखड़-पुखड़कर
गिर पड़े, टूटे विटप वर,

हाय, तिनकों से विनिर्मित
घोंसलों पर क्या न बीती,
डगमगा‌ए जबकि कंकड़,
ईंट, पत्थर के महल-घर;

बोल आशा के विहंगम,
किस जगह पर तू छिपा था,
जो गगन पर चढ़ उठाता
गर्व से निज तान फिर-फिर!

नीड़ का निर्माण फिर-फिर,
नेह का आह्वान फिर-फिर!

क्रुद्ध नभ के वज्र दंतों
में उषा है मुसकराती,
घोर गर्जनमय गगन के
कंठ में खग पंक्ति गाती;

एक चिड़िया चोंच में तिनका
लि‌ए जो जा रही है,
वह सहज में ही पवन
उंचास को नीचा दिखाती!

नाश के दु:ख से कभी
दबता नहीं निर्माण का सुख
प्रलय की निस्तब्धता से
सृष्टि का नव गान फिर-फिर!

नीड़ का निर्माण फिर-फिर,
नेह का आह्वान फिर-फिर!


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख