"माधव, मोह-पास क्यों छूटै -तुलसीदास" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Tulsidas.jpg |च...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replace - "५" to "5")
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 32: पंक्ति 32:
 
<poem>
 
<poem>
 
माधव, मोह-पास क्यों छूटै।
 
माधव, मोह-पास क्यों छूटै।
बाहर कोट उपाय करिय अभ्यंतर ग्रन्थि न छूटै॥१॥
+
बाहर कोट उपाय करिय अभ्यंतर ग्रन्थि न छूटै॥1॥
 
घृतपूरन कराह अंतरगत ससि प्रतिबिम्ब दिखावै।
 
घृतपूरन कराह अंतरगत ससि प्रतिबिम्ब दिखावै।
ईंधन अनल लगाय कल्पसत औंटत नास न पावै व२॥
+
ईंधन अनल लगाय कल्पसत औंटत नास न पावै व2॥
 
तरु-कोटर मँह बस बिहंग तरु काटे मरै न जैसे।
 
तरु-कोटर मँह बस बिहंग तरु काटे मरै न जैसे।
साधन करिय बिचारहीन मन, सुद्ध होइ नहिं तैसे॥३॥
+
साधन करिय बिचारहीन मन, सुद्ध होइ नहिं तैसे॥3॥
 
अंतर मलिन, बिषय मन अति, तन पावन करिय पखारे।
 
अंतर मलिन, बिषय मन अति, तन पावन करिय पखारे।
मरै न उरक अनेक जतन बलमीकि बिबिध बिधि मारे॥४॥
+
मरै न उरक अनेक जतन बलमीकि बिबिध बिधि मारे॥4॥
 
तुलसीदास हरि गुरु करुना बिनु बिमल बिबेक न होई।
 
तुलसीदास हरि गुरु करुना बिनु बिमल बिबेक न होई।
बिनु बिबेक संसार-घोरनिधि पार न पावै कोई॥५॥
+
बिनु बिबेक संसार-घोरनिधि पार न पावै कोई॥5॥
  
 
</poem>
 
</poem>

11:21, 1 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण

माधव, मोह-पास क्यों छूटै -तुलसीदास
तुलसीदास
कवि तुलसीदास
जन्म 1532
जन्म स्थान राजापुर, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1623 सन
मुख्य रचनाएँ रामचरितमानस, दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
तुलसीदास की रचनाएँ

माधव, मोह-पास क्यों छूटै।
बाहर कोट उपाय करिय अभ्यंतर ग्रन्थि न छूटै॥1॥
घृतपूरन कराह अंतरगत ससि प्रतिबिम्ब दिखावै।
ईंधन अनल लगाय कल्पसत औंटत नास न पावै व2॥
तरु-कोटर मँह बस बिहंग तरु काटे मरै न जैसे।
साधन करिय बिचारहीन मन, सुद्ध होइ नहिं तैसे॥3॥
अंतर मलिन, बिषय मन अति, तन पावन करिय पखारे।
मरै न उरक अनेक जतन बलमीकि बिबिध बिधि मारे॥4॥
तुलसीदास हरि गुरु करुना बिनु बिमल बिबेक न होई।
बिनु बिबेक संसार-घोरनिधि पार न पावै कोई॥5॥

संबंधित लेख