"रामलला नहछू -तुलसीदास": अवतरणों में अंतर
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देइ सुअरघ राम कहँ लेइ बैठाइय हो।। | देइ सुअरघ राम कहँ लेइ बैठाइय हो।। | ||
कनकखंभ चहुँ ओर मध्य सिंहासन हो। | कनकखंभ चहुँ ओर मध्य सिंहासन हो। | ||
मानिकदीप बराय बैठि तेहि आसन हो | मानिकदीप बराय बैठि तेहि आसन हो ।।4।। | ||
बनि बनि आवति नारि जानि गृह मायन हो। | बनि बनि आवति नारि जानि गृह मायन हो। | ||
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सो पगधूरि सिद्ध मुनि दरसन पावइ हो।। | सो पगधूरि सिद्ध मुनि दरसन पावइ हो।। | ||
अतिसय पुहुप क माल राम-उर सोहइ हो।। | अतिसय पुहुप क माल राम-उर सोहइ हो।। | ||
तिरछी चितिवनि आनँद मुनिमुख जोहइ हो | तिरछी चितिवनि आनँद मुनिमुख जोहइ हो ।।14।। | ||
नख काटत मुसुकाहिं बरनि नहिं जातहि हो। | नख काटत मुसुकाहिं बरनि नहिं जातहि हो। |
10:45, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
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आदि सारदा गनपति गौरि मनाइय हो। |
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