"बराबर पहाड़ी": अवतरणों में अंतर
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'''बराबर पहाड़ी''' [[बिहार]] के [[गया]] | '''बराबर पहाड़ी''' [[बिहार]] के [[गया ज़िला|गया ज़िले]] में स्थित है। ऐतिहासिक दृष्टि से यह पहाड़ी काफ़ी महत्त्वपूर्ण है। इस पहाड़ी में सात प्राचीन गुफ़ाएँ विस्तृत प्रकोष्ठों के रूप में निर्मित हैं। | ||
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*प्राकृतिक छटाओं से परिपूर्ण बराबर पहाड़ी पर्यटकों के लिए सर्वोत्तम स्थान है। यहां साल भर पर्यटकों की भीड़ लगती है। | |||
*बराबर पहाड़ी की प्राकृतिक वादियां, कल-कल करती नदी, नौका विहार, ऐतिहासिक व पुरातात्त्विक महत्त्व वाली गुफ़ाएँ पर्यटकों को खूब आकर्षित करती हैं। | |||
*पहाड़ी की चोटी पर स्थित 'बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर' भी काफ़ी लोकप्रिय है। यहाँ पूरे वर्ष जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। '[[शिवपुराण]]' के अनुसार [[शिव|भगवान शिव]] के नवरूपों में 'बाबा सिद्धनाथ' का सर्वोच्च स्थान है। मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है। ज़िला प्रशासन द्वारा इस स्थल को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कई तरह की आधुनिक सुविधाएं बहाल करायी गयी हैं, जिसमें पाताल गंगा के निकट अत्याधुनिक संग्रहालय, कैफिटेरिया, सुदामा मार्केट कॉम्प्लेक्स, जल नौकाएं की सुविधा व बाबा सिद्धनाथ मंदिर तक जाने-आने के लिए कृत्रिम सीढ़ियों का निर्माण श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।<ref>{{cite web |url= http://www.pressnote.in/Bihar-News-_266108.html|title= बराबर की ऐतिहासिक गुफाएँ|accessmonthday=01 अप्रैल |accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=प्रेसनोट|language= हिन्दी}}</ref> | |||
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Barabar Hills, Bihar
बराबर पहाड़ी बिहार के गया ज़िले में स्थित है। ऐतिहासिक दृष्टि से यह पहाड़ी काफ़ी महत्त्वपूर्ण है। इस पहाड़ी में सात प्राचीन गुफ़ाएँ विस्तृत प्रकोष्ठों के रूप में निर्मित हैं।
- पहाड़ी की सात गुफ़ाओं में से तीन में अशोक के अभिलेख अंकित हैं। इनसे विदित होता है कि मूलतः इनका निर्माण अशोक के समय आजीवक सम्प्रदाय के भिक्षुओं के निवास के लिए करवाया गया था।
- बराबर पहाड़ी पर स्थित गुफ़ाओं में से दो गुफ़ाएँ अशोक द्वारा शासन के 12वें वर्ष और क्रमशः 19वें वर्ष में भिक्षुओं को दान में दी गयी थीं।
- प्राकृतिक छटाओं से परिपूर्ण बराबर पहाड़ी पर्यटकों के लिए सर्वोत्तम स्थान है। यहां साल भर पर्यटकों की भीड़ लगती है।
- बराबर पहाड़ी की प्राकृतिक वादियां, कल-कल करती नदी, नौका विहार, ऐतिहासिक व पुरातात्त्विक महत्त्व वाली गुफ़ाएँ पर्यटकों को खूब आकर्षित करती हैं।
- पहाड़ी की चोटी पर स्थित 'बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर' भी काफ़ी लोकप्रिय है। यहाँ पूरे वर्ष जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। 'शिवपुराण' के अनुसार भगवान शिव के नवरूपों में 'बाबा सिद्धनाथ' का सर्वोच्च स्थान है। मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है। ज़िला प्रशासन द्वारा इस स्थल को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कई तरह की आधुनिक सुविधाएं बहाल करायी गयी हैं, जिसमें पाताल गंगा के निकट अत्याधुनिक संग्रहालय, कैफिटेरिया, सुदामा मार्केट कॉम्प्लेक्स, जल नौकाएं की सुविधा व बाबा सिद्धनाथ मंदिर तक जाने-आने के लिए कृत्रिम सीढ़ियों का निर्माण श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बराबर की ऐतिहासिक गुफाएँ (हिन्दी) प्रेसनोट। अभिगमन तिथि: 01 अप्रैल, 2015।