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'''उत्तर मथुरा''' [[बुद्ध|बौध्दकालीन]] भारत के [[मथुरा]] या मधुरा नाम की दो नगरियों में से एक है। एक उत्तर की प्रसिध्द [[मथुरा]], दूसरी वर्तमान मदुरा ([[मद्रास]]) जो [[पांड्य साम्राज्य|पांड्य देश]] की राजधानी थी। | '''उत्तर मथुरा''' [[बुद्ध|बौध्दकालीन]] भारत के [[मथुरा]] या मधुरा नाम की दो नगरियों में से एक है। एक उत्तर की प्रसिध्द [[मथुरा]], दूसरी वर्तमान मदुरा ([[मद्रास]]) जो [[पांड्य साम्राज्य|पांड्य देश]] की राजधानी थी। | ||
* हरिषेण ने बृहत्कथा-कोश-कथानक | * [[हरिषेण]] ने [[बृहत्कथाकोश|बृहत्कथा-कोश-]]<ref>बृहत्तकथा कोश कथानक-21</ref> में [[मथुरा|उत्तर मथुरा]] को [[भरत]]-[[क्षेत्र]] या [[उत्तरी भारत]] में माना है। | ||
* [[घट-पल्लव|घटजातक]] में [[मथुरा|उत्तर-मथुरा]] के राजा [[महासागर]] और उसके [[पुत्र]] [[सागर]] का उल्लेख है। [[सागर]] [[श्रीकृष्ण]] का समकालीन था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=92|url=}}</ref> | * [[घट-पल्लव|घटजातक]]<ref>घटजातक (सं. 454)</ref> में [[मथुरा|उत्तर-मथुरा]] के राजा [[महासागर]] और उसके [[पुत्र]] [[सागर]] का उल्लेख है। [[सागर]] [[श्रीकृष्ण]] का समकालीन था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=92|url=}}</ref> | ||
07:15, 16 मई 2018 का अवतरण
उत्तर मथुरा बौध्दकालीन भारत के मथुरा या मधुरा नाम की दो नगरियों में से एक है। एक उत्तर की प्रसिध्द मथुरा, दूसरी वर्तमान मदुरा (मद्रास) जो पांड्य देश की राजधानी थी।
- हरिषेण ने बृहत्कथा-कोश-[1] में उत्तर मथुरा को भरत-क्षेत्र या उत्तरी भारत में माना है।
- घटजातक[2] में उत्तर-मथुरा के राजा महासागर और उसके पुत्र सागर का उल्लेख है। सागर श्रीकृष्ण का समकालीन था।[3]
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