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*इनका समय वि. सं. 13वीं शती है।  
 
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*इन्होंने [[विद्यानन्द]] की अष्टसहस्री पर एक टिप्पणी लिखी है, जो अष्टसहस्री के कठिन पदों के अर्थबोध में सहायक है।  
 
*इन्होंने [[विद्यानन्द]] की अष्टसहस्री पर एक टिप्पणी लिखी है, जो अष्टसहस्री के कठिन पदों के अर्थबोध में सहायक है।  
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*यह स्वतन्त्र रूप से अभी अप्रकाशित है।  
 
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*किन्तु अष्टसहस्री की पाद-टिप्पणियों में यह प्रकाशित है, जिनके सहारे से पाठक अष्टसहस्री के उन पदों का अर्थ कर लेते हैं, जो क्लिष्ट और प्रसंगोपात्त हैं।
 
*किन्तु अष्टसहस्री की पाद-टिप्पणियों में यह प्रकाशित है, जिनके सहारे से पाठक अष्टसहस्री के उन पदों का अर्थ कर लेते हैं, जो क्लिष्ट और प्रसंगोपात्त हैं।
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12:28, 14 जुलाई 2010 का अवतरण

  • इनका समय वि. सं. 13वीं शती है।
  • इन्होंने विद्यानन्द की अष्टसहस्री पर एक टिप्पणी लिखी है, जो अष्टसहस्री के कठिन पदों के अर्थबोध में सहायक है।
  • इसका नाम 'अष्टसहस्रीविषमपदतात्पर्यटीका' है।
  • यह स्वतन्त्र रूप से अभी अप्रकाशित है।
  • किन्तु अष्टसहस्री की पाद-टिप्पणियों में यह प्रकाशित है, जिनके सहारे से पाठक अष्टसहस्री के उन पदों का अर्थ कर लेते हैं, जो क्लिष्ट और प्रसंगोपात्त हैं।

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