"हेमन्त सोरेन": अवतरणों में अंतर
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हेमन्त सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को नेमरा, रामगढ़ जिला, [[बिहार]] (जो कि अब झारखंड का हिस्सा है) में हुआ था। इनके [[पिता]] का नाम [[शिबु सोरेन]] और [[माता]] का नाम रूपी सोरेन है। इनके पिता भी एक राजनीतिज्ञ हैं। हेमन्त सोरेन ने पटना हाई स्कूल से कक्षा 12 तक अपना अध्ययन पूरा किया। इसके बाद उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग कॉलेज, [[रांची]] के बीआईटी मेसरा में प्रवेश लिया, लेकिन अपनी शिक्षा पूरी नहीं की और बीच में ही छोड़ दिया। उनके दो भाई हैं- दुर्गा सोरेन, बसंत सोरेन और एक बहन- अंजलि सोरेन।<ref>{{cite web |url=https://biographyinhindi.in/hemant-soren-biography-in-hindi/ |title=हेमन्त सोरेन का जीवन परिचय|accessmonthday=3 फरवरी |accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=biographyinhindi.in |language=हिंदी}}</ref> | हेमन्त सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को नेमरा, रामगढ़ जिला, [[बिहार]] (जो कि अब झारखंड का हिस्सा है) में हुआ था। इनके [[पिता]] का नाम [[शिबु सोरेन]] और [[माता]] का नाम रूपी सोरेन है। इनके पिता भी एक राजनीतिज्ञ हैं। हेमन्त सोरेन ने पटना हाई स्कूल से कक्षा 12 तक अपना अध्ययन पूरा किया। इसके बाद उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग कॉलेज, [[रांची]] के बीआईटी मेसरा में प्रवेश लिया, लेकिन अपनी शिक्षा पूरी नहीं की और बीच में ही छोड़ दिया। उनके दो भाई हैं- दुर्गा सोरेन, बसंत सोरेन और एक बहन- अंजलि सोरेन।<ref>{{cite web |url=https://biographyinhindi.in/hemant-soren-biography-in-hindi/ |title=हेमन्त सोरेन का जीवन परिचय|accessmonthday=3 फरवरी |accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=biographyinhindi.in |language=हिंदी}}</ref> | ||
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08:38, 9 मार्च 2020 के समय का अवतरण
हेमन्त सोरेन
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पूरा नाम | हेमन्त सोरेन |
जन्म | 10 अगस्त, 1975 |
जन्म भूमि | नेमरा, रामगढ़ जिला, बिहार[1] |
अभिभावक | पिता- शिबु सोरेन, माता- रूपी सोरेन |
पति/पत्नी | कल्पना सोरेन |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | झारखंड मुक्ति मोर्चा |
पद | मुख्यमंत्री, झारखण्ड |
कार्य काल | मुख्यमंत्री-29 दिसम्बर, 2019 से पदस्थ |
विद्यालय | बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा (रांची)[2] |
अन्य जानकारी | हेमन्त सोरेन 19वीं सदी के आदिवासी नायक बिरसा मुंडा और बाबा साहेब अम्बेडकर को अपना आदर्श मानने हैं। |
हेमन्त सोरेन (अंग्रेज़ी: Hemant Soren, जन्म- 10 अगस्त, 1975) झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले वह अर्जुन मुंडा मंत्रीमण्डल में उपमुख्यमंत्री थे। उनकी राजनीतिक पार्टी 'झारखंड मुक्ति मोर्चा' है। सोरेन 2014 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हेमलाल मुरमू को 24087 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए थे। 23 दिसंबर, 2019 को झारखंड विधानसभा चुनाव में बरहेट विधानसभा सीट से वह विधायक चुने गए थे। 29 दिसम्बर, 2019 को उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
जन्म और परिवार
हेमन्त सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को नेमरा, रामगढ़ जिला, बिहार (जो कि अब झारखंड का हिस्सा है) में हुआ था। इनके पिता का नाम शिबु सोरेन और माता का नाम रूपी सोरेन है। इनके पिता भी एक राजनीतिज्ञ हैं। हेमन्त सोरेन ने पटना हाई स्कूल से कक्षा 12 तक अपना अध्ययन पूरा किया। इसके बाद उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग कॉलेज, रांची के बीआईटी मेसरा में प्रवेश लिया, लेकिन अपनी शिक्षा पूरी नहीं की और बीच में ही छोड़ दिया। उनके दो भाई हैं- दुर्गा सोरेन, बसंत सोरेन और एक बहन- अंजलि सोरेन।[3]
राजनीतिक उपलब्धियाँ
- हेमन्त सोरेन 'झारखंड मुक्ति मोर्चा' के राजनेता हैं। 2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ा था, लेकिन वह स्टीफन मरांडी से हार गए थे। पहली बार 24 जून 2009 को उन्हें राज्य सभा के सदस्य के रूप में चुना गया था।
- 4 जनवरी 2010 को झारखंड के दुमका निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने राज्य सभा से इस्तीफा दे दिया था।
- 11 सितंबर 2010 उन्हें झारखंड के उपमुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
- 13 जुलाई 2013 को उन्हें झारखंड के 5वें मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
- 2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत मिलने के बाद 2015 में हेमन्त सोरेन विपक्ष के नेता के रूप में नामित किये गये थे।
- 23 दिसंबर 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बरहेट विधानसभा सीट से वह विधायक चुने गए। इसके बाद वह फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री बने हैं।
- 2009 में बड़े भाई दुर्गा सोरेन की मौत ने हेमन्त की जिंदगी में बड़ा मोड़ ला दिया। दुर्गा सोरेन को शिबु सोरेन का उत्तराधिकारी माना जाता था, लेकिन किडनी खराब हो जाने से उनकी असमय मौत हो गई।
- भाई की मौत के बाद परिस्थितिवश राजनीति में कदम रखने वाले हेमन्त सोरेन अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं।
- 19वीं सदी के आदिवासी नायक बिरसा मुंडा और बाबा साहेब अम्बेडकर को अपना आदर्श मानने वाले हेमन्त सोरेन जीत के बाद साइकिल चलाते दिखे थे। यहीं नहीं उन्होंने फूलों के बुके की जगह 'बुक' देने की अपील कर लोगों का दिल छू लिया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ जो कि अब झारखंड का हिस्सा है।
- ↑ शिक्षा पूर्ण नहीं की
- ↑ हेमन्त सोरेन का जीवन परिचय (हिंदी) biographyinhindi.in। अभिगमन तिथि: 3 फरवरी, 2020।
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क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |