नारायण राणे
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नारायण राणे (अंग्रेज़ी: Narayan Tatu Rane, जन्म- 10 अप्रॅल, 1952) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री हैं। वह महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। जुलाई, 2005 में नारायण राणे भारतीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए, इसके पहले वे शिवसेना के सदस्य थे। नारायण राणे ने महाराष्ट्र राज्य सरकार के बिक्री कर विभाग के साथ भी काम किया है।
- नारायण राणे ने 3 जुलाई, 2005 को शिवसेना छोड़ी और उसके बीस दिनों के बाद महाराष्ट्र विधानसभा से बाहर हो गए। उनके ऐसा करने के पीछे का कारण जाहिर तौर पर पार्टी और पार्टी मुखिया बाला साहेब ठाकरे द्वारा उन्हें दरकिनार करना था और उनके बेटे उद्धव ठाकरे का आगे बढ़ना था।
- इसके बाद बहुत विचार करने के बाद नारायण राणे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भर्ती हो गए और महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री का पद प्राप्त किया, जो कि एक शक्तिशाली पद है।
- नारायण राणे ने कोंकण क्षेत्र के अपने माल्वन सीट पर कांग्रेस की टिकट पर फिर से चुनाव की मांग की और शिवसेना की भारी टक्कर और आयोजित अभियान के बावजूद वे 50,000 से भी अधिक मत से जीते। यहां तक कि उन्होंने शिवसेना विधायक पार्टी को भी भंग कर दिया था और यह आशंका थी कि यह पार्टी राज्य में अपने कनिष्ठ साथी भारतीय जनता पार्टी को अपने विपक्ष के नेता का पद खो देगी। हालांकि, यह प्रवृत्ति उलटने लगी जब इनके उम्मीदवारों को लगातार शिकस्त प्राप्त होने लगी, क्योंकि शिवसेना ने घर-घर जाकर अपने चुनावी अभियान को तेज किया था।
- वर्ष 2007 में नारायण राणे के उम्मीदवार मुंबई के विधानसभा उप-चुनाव में हार गए और वे मुंबई नगरपालिका चुनाव में भी किसी प्रकार का प्रभाव दिखाने में असमर्थ रहे, जहां शिवसेना और बीजेपी ने लगातार तीसरी बार जीत का परचम लहराया।
- दिसंबर, 2007 में, एक बार फिर मुख्यमंत्री पद को सुरक्षित करने के प्रयास में नारायण राणे अपनी ही पार्टी के आधिकारिक मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख को चुनौती देने के चलते जनता के खिलाफ हो गए।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |