विशल्या का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। यह नर्मदा नदी की एक शाखा थी। महाभारत वन पर्व[1] के अनुसार यह त्रिलोकी में विख्यात विशल्या नदी के तट पर जाकर स्नान करे। इससे वह अग्निष्टोमयज्ञ का फल पाते और स्वर्गलोक में जाते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 99 |
- ↑ महाभारत वन पर्व 84.97-119
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