"तीर्थंकर": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ") |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
#[[ॠषभनाथ तीर्थंकर]], | #[[ॠषभनाथ तीर्थंकर]], | ||
#[[अजितनाथ]] | #[[अजितनाथ]] | ||
#सम्भवनाथ | #[[सम्भवनाथ]] | ||
# | #[[अभिनन्दननाथ]] | ||
#सुमतिनाथ | #[[सुमतिनाथ]] | ||
# | #[[पद्मप्रभ]] | ||
#सुपार्श्वनाथ | #[[सुपार्श्वनाथ]] | ||
#चन्द्रप्रभ | #[[चन्द्रप्रभ]] | ||
#पुष्पदन्त | #[[पुष्पदन्त]] | ||
#शीतलनाथ | #[[शीतलनाथ]] | ||
#श्रेयांसनाथ | #[[श्रेयांसनाथ]] | ||
#वासुपूज्य | #[[वासुपूज्य]] | ||
#विमलनाथ | #[[विमलनाथ]] | ||
#अनन्तनाथ | #[[अनन्तनाथ]] | ||
#धर्मनाथ | #[[धर्मनाथ]] | ||
# | #[[शान्तिनाथ]] | ||
#कुन्थुनाथ | #[[कुन्थुनाथ]] | ||
#[[अरनाथ]] | #[[अरनाथ]] | ||
#मल्लिनाथ | #[[मल्लिनाथ]] | ||
# | #[[मुनिसुब्रनाथ]] | ||
# | #[[नमिनाथ]] | ||
#[[नेमिनाथ तीर्थंकर]] | #[[नेमिनाथ तीर्थंकर]] | ||
#[[तीर्थंकर पार्श्वनाथ|पार्श्वनाथ तीर्थंकर]] | #[[तीर्थंकर पार्श्वनाथ|पार्श्वनाथ तीर्थंकर]] | ||
#[[महावीर|वर्धमान महावीर]] | #[[महावीर|वर्धमान महावीर]] | ||
==धर्ममार्ग के नेता== | ==धर्ममार्ग के नेता== | ||
इन 24 तीर्थंकरों ने अपने-अपने समय में धर्ममार्ग से च्युत हो रहे जन-समुदाय को संबोधित किया और उसे धर्ममार्ग में लगाया। इसी से इन्हें धर्ममार्ग और मोक्षमार्ग का नेता तीर्थ प्रवर्त्तक 'तीर्थंकर' कहा गया है। [[जैन]] सिद्धान्त के अनुसार 'तीर्थंकर' नाम की एक पुण्य<ref>प्रशस्त</ref> कर्म प्रकृति है। उसके उदय से तीर्थंकर होते और वे तत्त्वोपदेश करते हैं। आचार्य विद्यानंद ने स्पष्ट कहा है<ref>ऋषभादिमहावीरान्तेभ्य: स्वात्मोपलब्धये। धर्मतीर्थंकरेभ्योऽस्तु स्याद्वादिभ्यो नमोनम:॥ अकलंक, लघीयस्त्रय, 1</ref> कि 'बिना तीर्थंकरत्वेन नाम्ना नार्थोपदेशना' | इन 24 तीर्थंकरों ने अपने-अपने समय में धर्ममार्ग से च्युत हो रहे जन-समुदाय को संबोधित किया और उसे धर्ममार्ग में लगाया। इसी से इन्हें धर्ममार्ग और मोक्षमार्ग का नेता तीर्थ प्रवर्त्तक 'तीर्थंकर' कहा गया है। [[जैन]] सिद्धान्त के अनुसार 'तीर्थंकर' नाम की एक पुण्य<ref>प्रशस्त</ref> कर्म प्रकृति है। उसके उदय से तीर्थंकर होते और वे तत्त्वोपदेश करते हैं। आचार्य विद्यानंद ने स्पष्ट कहा है<ref>ऋषभादिमहावीरान्तेभ्य: स्वात्मोपलब्धये। धर्मतीर्थंकरेभ्योऽस्तु स्याद्वादिभ्यो नमोनम:॥ अकलंक, लघीयस्त्रय, 1</ref> कि 'बिना तीर्थंकरत्वेन नाम्ना नार्थोपदेशना' अर्थात् बिना तीर्थंकर-पुण्यनामकर्म के तत्त्वोपदेश संभव नहीं है।<ref>आप्तपरीक्षा, कारिका 16</ref> | ||
==वीथिका== | ==वीथिका== | ||
पंक्ति 50: | पंक्ति 51: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
पंक्ति 58: | पंक्ति 58: | ||
[[Category:जैन तीर्थंकर]] | [[Category:जैन तीर्थंकर]] | ||
[[Category:जैन धर्म]] | [[Category:जैन धर्म]] | ||
[[Category:जैन धर्म कोश]] | [[Category:जैन धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ |
07:44, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

Seated Rishabhanatha
राजकीय जैन संग्रहालय, मथुरा
तीर्थंकर शब्द का जैन धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। 'तीर्थ' का अर्थ है, जिसके द्वारा संसार समुद्र तरा जाए, पार किया जाए और वह अहिंसा धर्म है। जैन धर्म में उन 'जिनों' एवं महात्माओं को तीर्थंकर कहा गया है, जिन्होंने प्रवर्तन किया, उपदेश दिया और असंख्य जीवों को इस संसार से 'तार'[1] दिया।
जैन तीर्थंकर
जैन धर्म में 24 तीर्थंकर माने गए हैं। उन चौबीस तीर्थंकरों के नाम इस प्रकार प्रसिद्ध हैं-
- ॠषभनाथ तीर्थंकर,
- अजितनाथ
- सम्भवनाथ
- अभिनन्दननाथ
- सुमतिनाथ
- पद्मप्रभ
- सुपार्श्वनाथ
- चन्द्रप्रभ
- पुष्पदन्त
- शीतलनाथ
- श्रेयांसनाथ
- वासुपूज्य
- विमलनाथ
- अनन्तनाथ
- धर्मनाथ
- शान्तिनाथ
- कुन्थुनाथ
- अरनाथ
- मल्लिनाथ
- मुनिसुब्रनाथ
- नमिनाथ
- नेमिनाथ तीर्थंकर
- पार्श्वनाथ तीर्थंकर
- वर्धमान महावीर
धर्ममार्ग के नेता
इन 24 तीर्थंकरों ने अपने-अपने समय में धर्ममार्ग से च्युत हो रहे जन-समुदाय को संबोधित किया और उसे धर्ममार्ग में लगाया। इसी से इन्हें धर्ममार्ग और मोक्षमार्ग का नेता तीर्थ प्रवर्त्तक 'तीर्थंकर' कहा गया है। जैन सिद्धान्त के अनुसार 'तीर्थंकर' नाम की एक पुण्य[2] कर्म प्रकृति है। उसके उदय से तीर्थंकर होते और वे तत्त्वोपदेश करते हैं। आचार्य विद्यानंद ने स्पष्ट कहा है[3] कि 'बिना तीर्थंकरत्वेन नाम्ना नार्थोपदेशना' अर्थात् बिना तीर्थंकर-पुण्यनामकर्म के तत्त्वोपदेश संभव नहीं है।[4]
वीथिका
-
तीर्थंकर पार्श्वनाथ
Tirthankara Parsvanatha -
आसनस्थ जैन तीर्थंकर
Seated Jaina Tirthankara -
तीर्थंकर ऋषभनाथ
Tirthankara Rishabhanath -
आसनस्थ जैन तीर्थंकर
Seated Jaina Tirthankara -
आसनस्थ जैन तीर्थंकर
Seated Jaina Tirthankara -
जैन तीर्थंकर
Jaina Tirthankara -
आसनस्थ जैन तीर्थंकर
Seated Jaina Tirthankara -
तीर्थंकर ऋषभनाथ
Tirthankara Rishabhanath
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख