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11:56, 5 अक्टूबर 2012 का अवतरण
कोटिशिला का उल्लेख जैन ग्रंथ 'विविधतीर्थकल्प' में हुआ है। जिसके अनुसार इसे मगध का एक तीर्थ बताया गया। इस स्थान का सम्बन्ध जैन धर्म के अनेक साधुओं से बताया जाता है, जिनमें 'चक्रयुद्ध' मुख्य हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 231 |