भावसेन त्रैविद्य
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अश्वनी भाटिया (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:27, 14 जुलाई 2010 का अवतरण
आचार्य भावसेन त्रैविद्य
- ये विक्रम सम्वत 12वीं, 13वीं शताब्दी के जैन नैयायिक हैं।
- इनकी उपलब्ध एकमात्र कृति 'विश्वतत्त्वप्रकाश' है।
- इसका प्रकाशन जीवराज जैन ग्रन्थमाला, सोलापुर से हो चुका है।
- यह बृहद ग्रन्थ महत्त्वपूर्ण और बोधप्रद है।