गजाग्रपद

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:43, 8 नवम्बर 2012 का अवतरण (''''गजाग्रपद''' की गणना जैन साहित्य के अति प्राचीन आगम ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

गजाग्रपद की गणना जैन साहित्य के अति प्राचीन आगम ग्रंथ 'एकादशअंगादि' में उल्लिखित जैन तीर्थों में है। इसकी स्थिति दशार्ण कुट में बताई गई है, जो संस्कृत में प्रसिद्ध दशार्ण देश (बुंदेलखंड का भाग) हो सकता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 273 |


संबंधित लेख