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06:56, 16 मई 2013 के समय का अवतरण
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- पृथ्वी पर गंगाजी के आते ही हाहाकार मच गया। जिस रास्ते से गंगाजी जा रही थीं, उसी मार्ग में ऋषिराज जहु का आश्रम तथा तपस्या स्थल पड़ा।
- तपस्या में विघ्न समझकर वे गंगाजी को पी गए।
- फिर देवताओं के प्रार्थना करने पर उन्हें पुन: जांघ से निकाल दिया। तभी से ये जाह्नवी कहलाईं।
- दूसरी मान्यता को अनुसार गंगा को जहु ऋषि ने पी लिया था तथा राजा भगीरथ की प्रार्थना पर जहु ऋषि ने गंगा को अपने कान से निकाल दिया था। अत: तभी से गंगा का अन्य नाम जाह्नवी भी पड़ गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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