"गौतमी नदी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
छो (श्रेणी:नया पन्ना (को हटा दिया गया हैं।)) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{पुनरीक्षण}} | {{पुनरीक्षण}} | ||
*दक्षिणी [[भारत]] की प्रसिद्ध [[गोदावरी नदी]] का एक प्राचीन पौराणिक नाम गौतमी भी है।<ref>देखें:- [[शिवपुराण]] 1,54</ref> | *दक्षिणी [[भारत]] की प्रसिद्ध [[गोदावरी नदी]] का एक प्राचीन पौराणिक नाम गौतमी भी है।<ref>देखें:- [[शिवपुराण]] 1,54</ref> | ||
*[[ब्रह्म पुराण]] के 133वें अध्याय में तथा अन्यत्र भी इस नदी का उल्लेख है। कहा जाता है कि इस नदी को गौतम ने तप द्वारा [[पृथ्वी]] पर अवतरित किया था। | *[[ब्रह्म पुराण]] के 133वें अध्याय में तथा अन्यत्र भी इस नदी का उल्लेख है। | ||
*कहा जाता है कि इस नदी को गौतम ने तप द्वारा [[पृथ्वी]] पर अवतरित किया था। | |||
*[[पुराण|पुराणों]] में गौतमी को गोदावरी की एक शाखा भी माना गया है। | *[[पुराण|पुराणों]] में गौतमी को गोदावरी की एक शाखा भी माना गया है। | ||
*अध्यात्मरामयण अरण्य 48 में [[पंचवटी]] को गौतमी के तट पर अवस्थित बताया गया है जो वास्तव में गोदावरी ही हैं।<ref>'अस्ति पंचवटी नाम्ना आश्रमो गौतमीतटे'</ref>। | *अध्यात्मरामयण अरण्य 48 में [[पंचवटी]] को गौतमी के तट पर अवस्थित बताया गया है जो वास्तव में गोदावरी ही हैं।<ref>'अस्ति पंचवटी नाम्ना आश्रमो गौतमीतटे'</ref>। |
09:07, 4 दिसम्बर 2011 का अवतरण
![]() |
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
- दक्षिणी भारत की प्रसिद्ध गोदावरी नदी का एक प्राचीन पौराणिक नाम गौतमी भी है।[1]
- ब्रह्म पुराण के 133वें अध्याय में तथा अन्यत्र भी इस नदी का उल्लेख है।
- कहा जाता है कि इस नदी को गौतम ने तप द्वारा पृथ्वी पर अवतरित किया था।
- पुराणों में गौतमी को गोदावरी की एक शाखा भी माना गया है।
- अध्यात्मरामयण अरण्य 48 में पंचवटी को गौतमी के तट पर अवस्थित बताया गया है जो वास्तव में गोदावरी ही हैं।[2]।
{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- गोदावरी नदी
|
|
|
|
|