"अल्प ख़ाँ (गुजरात का सूबेदार)": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''अल्प ख़ाँ''' [[गुजरात]] का सूबेदार था। उसे [[दिल्ली]] के सुल्तान [[अलाउद्दीन खिलजी]] ने 1297 ई. में गुजरात की विजय करने के बाद वहाँ का सूबेदार बनाया था।
'''अल्प ख़ाँ''' [[गुजरात]] का [[सूबेदार]] था। उसे [[दिल्ली]] के सुल्तान [[अलाउद्दीन खिलजी]] ने 1297 ई. में गुजरात की विजय करने के बाद वहाँ का सूबेदार बनाया था।


*[[मलिक काफ़ूर]] और ख़्वाजा हाज़ी के साथ अल्प ख़ाँ ने कई अभियानों में भाग लिया था।
*[[मलिक काफ़ूर]] और ख़्वाजा हाज़ी के साथ अल्प ख़ाँ ने कई अभियानों में भाग लिया था।
पंक्ति 8: पंक्ति 8:


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय इतिहास कोश |लेखक= सच्चिदानन्द भट्टाचार्य|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=18|url=}}
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय इतिहास कोश |लेखक= सच्चिदानन्द भट्टाचार्य|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=18|url=}}

06:39, 2 दिसम्बर 2012 के समय का अवतरण

अल्प ख़ाँ गुजरात का सूबेदार था। उसे दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने 1297 ई. में गुजरात की विजय करने के बाद वहाँ का सूबेदार बनाया था।

  • मलिक काफ़ूर और ख़्वाजा हाज़ी के साथ अल्प ख़ाँ ने कई अभियानों में भाग लिया था।
  • 1307 ई. में अल्प ख़ाँ ने इन दोनों के नेतृत्व में देवगिरि राज्य के विरुद्ध अभियान में हिस्सा लिया।
  • इस अभियान के तहत ही कर्णदेव द्वितीय की पुत्री 'देवल देवी' पकड़ी गई थी।
  • राजकुमारी देवल देवी ने गुजरात विजय के बाद अपने पिता कर्णदेव के साथ देवगिरि के राजा रामचन्द्र देव के दरबार में जाकर शरण ली थी।
  • अल्प ख़ाँ ने देवल देवी को पकड़कर अलाउद्दीन ख़िलजी के दरबार में भेज दिया, जहाँ उसका विवाह सुल्तान के बड़े बेटे ख़िजिर ख़ाँ के साथ कर दिया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 18 |


संबंधित लेख