कुंवर जी कल्याण जी मेहता

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कुंवर जी कल्याण जी मेहता दो धनी गुजराती किसान थे। यह दोनों भाई 1960 ईस्वी में सूरत के कांग्रेस अधिवेशन में सम्मिलित हुए थे, जहाँ लाल, बाल और पाल के उग्रवादी विचारों का इन पर बहुत प्रभाव पड़ा।[1]

  • दोनों भाइयों ने ‘पाटीदार युवक मंडल’ की स्थापना की और कम्बी पाटीदार जाति को संगठित करना आरंभ कर दिया।
  • इन बंधुओं ने ‘पटेल बंधु’ नामक पत्रिकाओं को प्रकाशित करना प्रारंभ किया।
  • इनके कार्य की चरम परिणति 1920 ईस्वी के बारदोली किसान आंदोलन में हुई। मेहता बंधु ही बारदोली की महान गांधीवादी सफलता के सच्चे निर्माता थे।
  • कुंवर जी कल्याण मेहता, दोनों भाइयों ने गुजरात में गांधी जी द्वारा संचालित विभिन्न आंदोलनों का संचालन किया।
  • बंबई (वर्तमान मुम्बई) के गवर्नर द्वारा मालगुजारी में 22 प्रतिशत की वृद्धि करने पर मेहता बंधुओं ने सरदार पटेल से सत्याग्रह आंदोलन चलाने का आग्रह किया और बारदोली सत्याग्रह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वस्तुतः मेहता बंधु प्रमुख नेता और गांधीजी के सच्चे अनुयाई थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. स्वतंत्रता सेनानी कोश, गांधी युगीन, भाग 3 पृष्ठ संख्या 119-120

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