"योगक्षेम वहाम्यम तुमने ही तो कहा ना -वंदना गुप्ता" के अवतरणों में अंतर
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कोई भेद नज़र आये | कोई भेद नज़र आये | ||
बस तब साक्षी भाव से | बस तब साक्षी भाव से | ||
− | + | द्रष्टाबन जाओ | |
और देखो उसकी लीला | और देखो उसकी लीला | ||
हाथ पकडता है या छोडता | हाथ पकडता है या छोडता |
05:02, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
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जब आत्मज्ञान मिल जाये |
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