"इंदोर" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('{{पुनरीक्षण}} इंदोर अनूपशहर के निकट बहुत पुराना स्थान...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
|||
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{पुनरीक्षण}} | {{पुनरीक्षण}} | ||
− | इंदोर अनूपशहर के निकट बहुत पुराना स्थान है। [[गुप्त]] नरेश [[स्कंदगुप्त|महाराज स्कंदगुप्त]] के समय ([[फाल्गुन]], गुप्तसंवत् 146-465 ई.) का एक [[ताम्र]] पट्ट लेख यहाँ से प्राप्त हुआ था। इस अभिलेख में उल्लेख है कि देव विष्णु नामक [[ब्राह्मण]] ने | + | '''इंदोर''' [[अनूपशहर]] के निकट बहुत पुराना स्थान है। [[गुप्त]] नरेश [[स्कंदगुप्त|महाराज स्कंदगुप्त]] के समय ([[फाल्गुन]], गुप्तसंवत् 146-465 ई.) का एक [[ताम्र]] पट्ट लेख यहाँ से प्राप्त हुआ था। |
+ | |||
+ | इस [[अभिलेख]] में उल्लेख है कि '''देव विष्णु''' नामक [[ब्राह्मण]] ने '[[अंतर्वेदी]]' विषय-पति सर्वनाग के शासन-काल में [[इंद्रपुर]] या इंदोर में स्थित सूर्य मंदिर के लिए दीपदान दिया था। यह दान इंद्रपुर की एक तैलिक श्रेणी<ref>जिसका प्रबंधक जीवांत नामक व्यक्ति था</ref> के पास सुरक्षित निधि के रूप में दिया गया था। तैलिक श्रेणी का काम सदा के लिए<ref>जब तक [[सूर्य ग्रह|सूर्य]]-[[चंद्र ग्रह|चंद्र]] [[आकाश गंगा|आकाश]] में स्थित हैं</ref> दो पल तेल प्रतिदिन मंदिर में दीप के लिए देना था। | ||
+ | |||
+ | '''अंतर्वेदि''' [[गंगा यमुना दोआब|गंगा-यमुना के दो-आबे]] का [[संस्कृत]] नाम था। स्पष्ट ही है कि '''इंद्रपुर ही वर्तमान इंदोर''' है और इस प्रकार ताम्रपट्ट के प्राप्ति स्थान का संबंध संतोषजनक रीति से [[अभिलेख]] में उल्लिखित स्थान के साथ हो जाता है। | ||
+ | |||
− | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
+ | *ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 73-74| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | ||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
− | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}} | {{उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}} | ||
[[Category:उत्तर प्रदेश]] | [[Category:उत्तर प्रदेश]] | ||
[[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]] | [[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]] | ||
− | [[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | + | [[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] [[Category:ऐतिहासिक स्थानावली]] |
− | [[Category: | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
08:14, 6 मई 2018 के समय का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
इंदोर अनूपशहर के निकट बहुत पुराना स्थान है। गुप्त नरेश महाराज स्कंदगुप्त के समय (फाल्गुन, गुप्तसंवत् 146-465 ई.) का एक ताम्र पट्ट लेख यहाँ से प्राप्त हुआ था।
इस अभिलेख में उल्लेख है कि देव विष्णु नामक ब्राह्मण ने 'अंतर्वेदी' विषय-पति सर्वनाग के शासन-काल में इंद्रपुर या इंदोर में स्थित सूर्य मंदिर के लिए दीपदान दिया था। यह दान इंद्रपुर की एक तैलिक श्रेणी[1] के पास सुरक्षित निधि के रूप में दिया गया था। तैलिक श्रेणी का काम सदा के लिए[2] दो पल तेल प्रतिदिन मंदिर में दीप के लिए देना था।
अंतर्वेदि गंगा-यमुना के दो-आबे का संस्कृत नाम था। स्पष्ट ही है कि इंद्रपुर ही वर्तमान इंदोर है और इस प्रकार ताम्रपट्ट के प्राप्ति स्थान का संबंध संतोषजनक रीति से अभिलेख में उल्लिखित स्थान के साथ हो जाता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 73-74| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार