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छो (Text replace - "<references/> *पुस्तक- ऐतिहासिक स्थानावली, लेखक-विजयेन्द्र कुमार माथुर, प्रकाशन- राजस्थान ग्रंथ अका)
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<blockquote>'स कालामसगोत्रेणतेनालोक्यैव दूरत:, उच्चै: स्वागतमित्युक्त: समीपमुपजग्मिवान्'<ref>बुद्ध चरित- 12, 2.</ref></blockquote>
 
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*अराड़ के पास गौतम बुद्ध ‘जरामरण रोग’ का उपचार जानने के लिए गए थे।<ref>बुद्ध चरित 12, 14.</ref>
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*[[अराड़]] के पास [[गौतम बुद्ध]] ‘जरामरण रोग’ का उपचार जानने के लिए गए थे।<ref>बुद्ध चरित 12, 14.</ref>
*केशपुत्र नगर संभवत: '[[बुद्धचरित]]'<ref>[[बुद्धचरित]] 12, 1 (‘अराडस्याश्रमं भेजे वपुषा पूरयन्निव’)</ref> में वर्णित आश्रम के निकट ही रहा होगा। संभवत: यह स्थान [[गोमती नदी]] के तट पर [[कोशल जनपद]] ([[उत्तर प्रदेश]]) में स्थित था।
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*केशपुत्र नगर संभवत: '[[बुद्धचरित]]'<ref>[[बुद्धचरित]] 12, 1 (‘अराडस्याश्रमं भेजे वपुषा पूरयन्निव’)</ref> में वर्णित [[आश्रम]] के निकट ही रहा होगा। संभवत: यह स्थान [[गोमती नदी]] के तट पर [[कोशल जनपद]], [[उत्तर प्रदेश]] में स्थित था।
 
*'[[शतपथ ब्राह्मण]]'<ref>(वैदिक इंडेक्स 1, पृ. 186)</ref> तथा [[पाणिनि]]<ref>[[पाणिनि]] 6, 4, 165.</ref> में उल्लिखित 'केशीलोग' शायद इसी स्थान के निवासी थे।
 
*'[[शतपथ ब्राह्मण]]'<ref>(वैदिक इंडेक्स 1, पृ. 186)</ref> तथा [[पाणिनि]]<ref>[[पाणिनि]] 6, 4, 165.</ref> में उल्लिखित 'केशीलोग' शायद इसी स्थान के निवासी थे।
 
*'[[अंगुत्तरनिकाय]]'<ref>[[अंगुत्तरनिकाय]]1, 188.</ref> के अनुसार 'केशपुत्त' की स्थिति कोसल जनपद में थी।
 
*'[[अंगुत्तरनिकाय]]'<ref>[[अंगुत्तरनिकाय]]1, 188.</ref> के अनुसार 'केशपुत्त' की स्थिति कोसल जनपद में थी।
*[[वाल्मीकि रामायण]]<ref>उत्तर. 52, 1-2</ref> में उल्लिखित केशिनी नदी संभवत: इसी जनपद की नदी थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=225|url=}}</ref>
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*[[वाल्मीकि रामायण]]<ref>उत्तर. 52, 1-2</ref> में उल्लिखित [[केशिनी नदी]] संभवत: इसी जनपद की नदी थी।
  
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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*ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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**ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 225| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
  
 
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12:21, 15 अप्रैल 2019 का अवतरण

केशपुत्र या 'केसपुत्र' नगर बुद्ध काल में कालामवंशीयों की राजधानी थी। 'अराड़' नामक बुद्ध का समकालीन दार्शनिक इन्हीं से संबंधित था-

'स कालामसगोत्रेणतेनालोक्यैव दूरत:, उच्चै: स्वागतमित्युक्त: समीपमुपजग्मिवान्'[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. बुद्ध चरित- 12, 2.
  2. बुद्ध चरित 12, 14.
  3. बुद्धचरित 12, 1 (‘अराडस्याश्रमं भेजे वपुषा पूरयन्निव’)
  4. (वैदिक इंडेक्स 1, पृ. 186)
  5. पाणिनि 6, 4, 165.
  6. अंगुत्तरनिकाय1, 188.
  7. उत्तर. 52, 1-2
    • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 225| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

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