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'''बिजावर''' [[बुंदेलखंड]], [[उत्तर प्रदेश]] का एक ऐतिहासिक ग्राम था। यह माना जाता है कि बिजावर ग्राम को विजय सिंह नाम के एक [[गोंड]] सामंत ने बसाया था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=628|url=}}</ref> | '''बिजावर''' [[बुंदेलखंड]], [[उत्तर प्रदेश]] का एक ऐतिहासिक ग्राम था। यह माना जाता है कि बिजावर ग्राम को विजय सिंह नाम के एक [[गोंड]] सामंत ने बसाया था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=628|url=}}</ref> | ||
− | *विजय सिंह गढ़मंडला नरेश [[संग्राम सिंह]] की सेवा में नियुक्त था। उसके | + | *विजय सिंह गढ़मंडला नरेश [[संग्राम सिंह]] की सेवा में नियुक्त था। उसके पश्चात् यह स्थान [[बुंदेला]] महाराज [[छत्रसाल]] के अधिकार में आ गया और तत्पश्चात् उनके उत्तराधिकारी जगतसिंह को उनके अंश के रूप में मिला। |
*बिजावर [[1947]] तक बुंदेलखंड की प्रख्यात रियासत हुआ करती थी। | *बिजावर [[1947]] तक बुंदेलखंड की प्रख्यात रियासत हुआ करती थी। | ||
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− | * | + | *ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार |
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
07:50, 23 जून 2017 के समय का अवतरण
बिजावर बुंदेलखंड, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक ग्राम था। यह माना जाता है कि बिजावर ग्राम को विजय सिंह नाम के एक गोंड सामंत ने बसाया था।[1]
- विजय सिंह गढ़मंडला नरेश संग्राम सिंह की सेवा में नियुक्त था। उसके पश्चात् यह स्थान बुंदेला महाराज छत्रसाल के अधिकार में आ गया और तत्पश्चात् उनके उत्तराधिकारी जगतसिंह को उनके अंश के रूप में मिला।
- बिजावर 1947 तक बुंदेलखंड की प्रख्यात रियासत हुआ करती थी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 628 |
- ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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