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11:21, 2 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण
मधुकरसाह बुंदेला मध्य काल के प्रसिद्ध राजा थे। इनके पिता का नाम प्रतापरुद्र या रुद्रप्रताप था, जिन्होंने ओड़छा नगर की नींव डाली थी।
- मधुकरसाह ने सत्तारूढ़ होकर आसपास की छोटी-छोटी बस्तियों को अपने अधिकार में कर लिया। स्वाभिमान के कारण उन्होंने मुग़ल बादशाह अकबर के विरुद्ध विद्रोह कर दिया।
- अकबर ने इनके विरुद्ध सादिक ख़ाँ हर्वी और राजा आसकरण को भेजा। युद्ध में परास्त होकर मधुकरसाह ने आत्मसमर्पण कर दिया।
- जब मालवा का सेनाध्यक्ष शहाबुद्दीन अहमद ख़ाँ मिर्ज़ा कोका के साथ दक्षिण की चढ़ाई पर नियुक्त हुआ, तो मधुकरसाह को भी साथ भेजा गया, किंतु उन्होंने अजीज कोका का साथ नहीं दिया। इस पर शहाबुद्दीन अहमद ख़ाँ ने इन्हें दंड देना निश्चित किया। बाद में ये पुन: राजा आसकरन की मध्यस्थता से राजी हुए। लेकिन सेना के पास पहुँचते ही जैसे इनमें फिर से उन्माद आया और यह भाग निकले। इनकी सारी संपत्ति लूट ली गई। किसी प्रकार फिर दरबार में आये और राजकुमार की सेवा में नियुक्त हुए।
- 1592 ई. में मधुकरसाह बुंदेला की मृत्यु हो गई।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मधुकरसाह बुंदेला (हिंदी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 26 सितम्बर, 2015।