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'''द ला हाये''' एक [[फ्राँसीसी]] नौसेनाधिकारी था, जो चोलमण्डल के तट पर फ़्राँसीसी हितों की रक्षा करने के लिए भेजा गया था। | '''द ला हाये''' एक [[फ्राँसीसी]] नौसेनाधिकारी था, जो चोलमण्डल के तट पर फ़्राँसीसी हितों की रक्षा करने के लिए भेजा गया था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय इतिहास कोश |लेखक= सच्चिदानन्द भट्टाचार्य|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=199|url=}}</ref> | ||
*वर्ष 1672 ई. में फ़्राँसीसियों ने [[मद्रास]] (आधुनिक [[चेन्नई]]) के निकट सेण्ट थोम पर अधिकार कर लिया था। | *वर्ष 1672 ई. में फ़्राँसीसियों ने [[मद्रास]] (आधुनिक [[चेन्नई]]) के निकट सेण्ट थोम पर अधिकार कर लिया था। |
13:48, 25 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण
द ला हाये एक फ्राँसीसी नौसेनाधिकारी था, जो चोलमण्डल के तट पर फ़्राँसीसी हितों की रक्षा करने के लिए भेजा गया था।[1]
- वर्ष 1672 ई. में फ़्राँसीसियों ने मद्रास (आधुनिक चेन्नई) के निकट सेण्ट थोम पर अधिकार कर लिया था।
- अगले ही वर्ष डचों ने श्रीलंका के त्रिंकोमाली बन्दरगाह में तैनात फ़्राँसीसी बेड़े को, जिसका नेतृत्व द ला हाये कर रहा था, वहाँ से मार भगाया।
- बाद के समय में डचों ने वर्ष 1674 ई. में सेण्ट थोम पर भी अधिकार कर लिया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 199 |