"कपित्थ": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - ")</ref" to "</ref") |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{पुनरीक्षण}} | {{पुनरीक्षण}} | ||
चीनी यात्री [[युवानच्वांग]] ने अपनी [[भारत]] यात्रा के वृत्तांत में संकिसा या सांकाश्य<ref>ज़िला | चीनी यात्री [[युवानच्वांग]] ने अपनी [[भारत]] यात्रा के वृत्तांत में [[संकिसा]] या सांकाश्य<ref>[[फ़र्रूख़ाबाद ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]]</ref> का एक नाम कपित्थ भी बताया है। हर्षकालीन [[मधुवन]] ताम्रपट्टलेख में भी कपित्थिका (कपित्था, कपित्थ) का उल्लेख है। यह दानपट्ट इसी नगरी से प्रचलित किया गया था। इससे हर्षकालीन (606-636 ई.) शासन-व्यवस्था पर अच्छा प्रकाश पड़ता है। | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | {{संदर्भ ग्रंथ}} | ||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}} | |||
[[Category:उत्तर प्रदेश]] | |||
[[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]] | |||
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | [[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
05:29, 1 दिसम्बर 2011 का अवतरण
![]() |
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
चीनी यात्री युवानच्वांग ने अपनी भारत यात्रा के वृत्तांत में संकिसा या सांकाश्य[1] का एक नाम कपित्थ भी बताया है। हर्षकालीन मधुवन ताम्रपट्टलेख में भी कपित्थिका (कपित्था, कपित्थ) का उल्लेख है। यह दानपट्ट इसी नगरी से प्रचलित किया गया था। इससे हर्षकालीन (606-636 ई.) शासन-व्यवस्था पर अच्छा प्रकाश पड़ता है।