"गरबा नृत्य": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
गरबा [[गुजरात]] राज्य का एक लोकप्रिय [[लोक नृत्य]] है, जो गीत, नृत्य और नाटक की समृद्ध परम्परा का निरुपण करता है। यह मिट्टी के मटके, जिसे गरबो कहते हैं, को पानी से भर कर इसके चारों ओर महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य है। मटके के अंदर एक सुपारी और चाँदी का सिक्का रखा जाता है, जिसे कुम्भ कहते हैं। इसके ऊपर एक नारियल रखा जाता है। नृत्य करने वाली महिलाएं मटके के चारों ओर गोल घूमती हैं और एक गायक तथा ढोलक या तबला बजाने वाला व्यक्ति संगीत देता है। प्रतिभागी एक निश्चित ताल पर तालियाँ बजाते हैं। गरबा नृत्य गुजराती महिलाओं द्वारा किया जाने वाला गोलाकार नृत्य रूप है और यह नृत्य नवरात्रि, [[शरद पूर्णिमा]], [[बसंत पंचमी]], [[होली]] और अन्य उत्सवों में किया जाता है। 'गरबा' का जन्म एक दीपक के अनुसार किया गया है, जिसे गर्भदीप कहते हैं, जिसका अर्थ है मटके के अंदर रखा हुआ दीपक। | गरबा [[गुजरात]] राज्य का एक लोकप्रिय [[लोक नृत्य]] है, जो गीत, नृत्य और नाटक की समृद्ध परम्परा का निरुपण करता है। यह मिट्टी के मटके, जिसे गरबो कहते हैं, को पानी से भर कर इसके चारों ओर महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य है। मटके के अंदर एक सुपारी और चाँदी का सिक्का रखा जाता है, जिसे कुम्भ कहते हैं। इसके ऊपर एक नारियल रखा जाता है। नृत्य करने वाली महिलाएं मटके के चारों ओर गोल घूमती हैं और एक गायक तथा ढोलक या तबला बजाने वाला व्यक्ति संगीत देता है। प्रतिभागी एक निश्चित ताल पर तालियाँ बजाते हैं। गरबा नृत्य गुजराती महिलाओं द्वारा किया जाने वाला गोलाकार नृत्य रूप है और यह नृत्य नवरात्रि, [[शरद पूर्णिमा]], [[बसंत पंचमी]], [[होली]] और अन्य उत्सवों में किया जाता है। 'गरबा' का जन्म एक दीपक के अनुसार किया गया है, जिसे गर्भदीप कहते हैं, जिसका अर्थ है मटके के अंदर रखा हुआ दीपक। | ||
== | ==संबंधित लेख== | ||
{{नृत्य कला}} | {{नृत्य कला}} | ||
[[Category:लोक नृत्य]] [[Category:कला कोश]]__INDEX__ | [[Category:लोक नृत्य]] [[Category:कला कोश]]__INDEX__ |
13:10, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण

Garba-Dance., Gujarat
गरबा गुजरात राज्य का एक लोकप्रिय लोक नृत्य है, जो गीत, नृत्य और नाटक की समृद्ध परम्परा का निरुपण करता है। यह मिट्टी के मटके, जिसे गरबो कहते हैं, को पानी से भर कर इसके चारों ओर महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य है। मटके के अंदर एक सुपारी और चाँदी का सिक्का रखा जाता है, जिसे कुम्भ कहते हैं। इसके ऊपर एक नारियल रखा जाता है। नृत्य करने वाली महिलाएं मटके के चारों ओर गोल घूमती हैं और एक गायक तथा ढोलक या तबला बजाने वाला व्यक्ति संगीत देता है। प्रतिभागी एक निश्चित ताल पर तालियाँ बजाते हैं। गरबा नृत्य गुजराती महिलाओं द्वारा किया जाने वाला गोलाकार नृत्य रूप है और यह नृत्य नवरात्रि, शरद पूर्णिमा, बसंत पंचमी, होली और अन्य उत्सवों में किया जाता है। 'गरबा' का जन्म एक दीपक के अनुसार किया गया है, जिसे गर्भदीप कहते हैं, जिसका अर्थ है मटके के अंदर रखा हुआ दीपक।