कालीपद मुखर्जी (अंग्रेज़ी: Kalipada Mukherjee) भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारियों में से एक थे। उनमें प्रारंभ से ही राष्ट्रीयता की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी।
- ये क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय थे और क्रांतिकारी दल के सदस्य थे।
- कालीपद मुखर्जी ने ढाका के उपमंडलीय अधिकारी के घर पर कामाक्षय सेन, जो विशेष मजिस्ट्रेट था, को गोली मार दी थी। इसी से इन्हें 27 जून, 1932 को गिरफ्तार कर लिया गया।
- कालीपद मुखर्जी पर मुकदमा चलाया गया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई।
- 16 फरवरी, 1935 को कालीपद मुखर्जी को ढाका के केंद्रीय कारागृह में फांसी पर लटका दिया गया।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पुस्तक- स्वतंत्रता सेनानी कोश (गांधीयुगीन)| लेखक- डॉ. एस.एल. नागौरी, श्रीमती कान्ता नागौरी | पृष्ठ संख्या- 115
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