किशोरी लाल मशरूवाला
किशोरी लाल घनश्याम दास मशरूवाला (जन्म- 5 अक्टूबर, 1890, मुम्बई) समाज सुधारक तथा बुहसर्जक रचनाकार थे, जिन्होंने तलाक, तथा विधवा पुर्नविवाह जैसी स्थितियों का समर्थन किया। मशरूवाला गोपाल कृष्ण गोखले, बाल तिलक तथा थक्कर बाबा जैसे राष्ट्रीय नेताओं से गहरे रूप में प्रभावित थे। एक बुहसर्जक रचनाकार थे।
परिचय
किशोरी लाल मशरूवाला का जन्म 5 अक्टूबर, 1890 को मुम्बई में हुआ था। किशोरी लाल मध्यवर्गीय गुजरात परिवार में से थे। सन 1909 में मुम्बई के विल्सन कॉलेज से स्नात्तक परीक्षा उत्तीर्ण की।
मशरूवाला गोपाल कृष्ण गोखले, बाल तिलक तथा थक्कर बाबा जैसे राष्ट्रीय नेताओं से गहरे रूप में प्रभावित थे। उनका सादगी पूर्ण जीवन था। उन्होंने महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम से एक शिक्षक के रूप में अपने कैरियर की शुरूआत की। उन्होंने स्वतंत्रता संघर्ष में हिस्सा लिया तथा 1930, 1932 एवं 1942 में जेल गये। वे 1934 से 1940 तक गांधी से निकट रूप से जुड़े थे। किशोरी लाल एक समाज सुधारक थे जिन्होंने तलाक, तथा विधवा पुर्नविवाह जैसी स्थितियों का समर्थन किया।
रचनाएँ
मशरूवाला एक बुहसर्जक रचनाकार थे। उनकी कुछ महत्त्वपूर्ण रचनाएँ है :
- गांधी विचार दोहन (गांधी के विचारों का सार)
- अहिंसा विवेचना (अहिंसा की समीक्षा)[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाराष्ट्र के क्रांतिकारी (हिंदी) क्रान्ति1857। अभिगमन तिथि: 15 फ़रवरी, 2017।
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