1915 ई. में जन्मी ज्योतिकणा दत्त ने कॉलेज में पढ़ते हुए क्रांतिकारियों को पिस्तौल, बम आदि सप्लाई करना शुरू कर दी थी।
- 1931 ई. में तलाशी के दौरान ज्योतिकणा दत्त के पास से कई पिस्तौल, बम बरामद किए गए एवं अस्त्र-शस्त्र क़ानून के अंतर्गत चार वर्ष की सज़ा हुई।
- रिहाई के बाद ज्योतिकणा दत्त ने डॉक्टरी की परीक्षा पास की एवं गुप्त रूप से क्रांतिकारियों की मदद करती रहीं 1947 ई. में उनका विवाह मतिराह बोरा नामक पंजाबी व्यवसायी से हुआ।
- वर्तमान में वे लंदन में पति के साथ निवास कर रही हैं।
- ज्योतिकणा दत्त अलीपुर बम विशेषज्ञ उल्लासकर दत्त की भतीजी हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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